नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सीधे निशाने पर लिया है। जेएनयू में देश की संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाने वाले छात्रों पर कार्रवाई के विरोध में राहुल गांधी और लेफ्ट के नेताओं के साथ कुछ कांग्रेसी नेताओं ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था। अमित शाह ने एक ब्लॉग पर लिखा, 'जेएनयू में राहुल गांधी ने वर्त्तमान भारत की तुलना हिटलर के जर्मनी से कर डाली। इतनी ओछी बात करने से पहले वह भूल जाते है कि स्वतंत्र भारत की हिटलर के जर्मनी से सबसे निकट परिकल्पना सिर्फ श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए 1975 के आपातकाल से की जा सकती है। स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति तो दूर, आपातकाल में विरोधियों को निर्ममता के साथ जेल में ठूंस दिया गया था। वामदलों के नेता जिनकी वह आज हिमायत करते घूम रहे है, वह भी इस बर्बरता की शिकार हुए थे। हिटलरवाद सिर्फ कांग्रेस के डीएनए में है, भाजपा को राष्ट्रवाद और प्रजातंत्र के मूल्यों की शिक्षा कांग्रेस पार्टी से लेने की जरूरत नहीं है।' इस घटना के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की यह पहली प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो कुछ हुआ, वह देशहित में नहीं है।
ऐसे लोगों के समर्थन में धरना करना देशद्रोह को बढ़ावा देने के समान है। उन्होंने इस पूरे विषय पर एक ब्लॉग भी लिखा है जिसे उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। उन्होंने इसी बहाने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष कर कहा कि हिटलरवाद कांग्रेस के डीएनए में है। इसी के साथ उन्होंने राहुल गांधी से मामले पर माफी मांगने के लिए कहा। उल्लेखनीय है कि जेएनयू के छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तीखा हमला किया था। राहुल ने परोक्ष रूप से हिटलर के शासन से इस गिरफ्तारी की तुलना की। उन्होंने एनडीए पर छात्रों की आवाज 'दबाने' का आरोप लगाया और छात्रों से 'उनकी धौंस नहीं चलने देने के लिए कहा।' देशद्रोह मामले में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के एक दिन बाद प्रदर्शन कर रहे छात्रों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय माकन और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के साथ जेएनयू पहुंचे राहुल गांधी को भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी के सदस्यों ने काले झंडे भी दिखाए थे। इस पर उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने मुझे काले झंडे दिखाए, मुझे गर्व है इस देश पर कि उन्हें काले झंडे दिखाने का अधिकार है।' सरकार पर हमला करते हुए राहुल ने कहा, 'इस संस्थान की आवाज दबाने वाले लोग राष्ट्रविरोधी हैं। वे लोग युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले मैं हैदराबाद में था और इन्हीं लोगों ने या इन्हीं नेताओं ने कहा कि रोहित वेमुला राष्ट्रविरोधी थे।'