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नई दिल्ली: जवाहार लाल नेहरू (जेएनयू) यूनिवर्सिटी में लगे देशविरोधी नारों के बाद देशभर में मचे बवाल के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को फैसला लिया कि देश की सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 207 फीट का राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा ताकि कैंपस में राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया जा सके। सबसे पहला तिरंगा जेएनयू में लगाया जाएगा जहां छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किए जाने के बाद से बवाल मचा हुआ है। सभी विश्वविद्यालयों में ये तिरंगे रोज फहराए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि तिरंगे पर फैसला मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा गुरुवार को बुलाई गई सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक में लिया गया। सूत्रों के अनुसार, तिरंगे से देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा मिलेगा जिसकी मदद से उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक पिछले महीने कथित सामाजिक भेदभाव के आरोपों के बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कैंपस में दलित छात्र रोहित वेहमुल्ला ने आत्महत्या कर ली थी।

नई दिल्ली: जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी को लेकर देशद्रोह मामले के आरोपी कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज (शुक्रवार) सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट ने कुछ जरुरी सुधारों को लेकर अर्जी को वापस किया गया है। अब इस मामले में सुनवाई सोमवार या मंगलवार को होगी। इससे पहले जेएनयू में नारेबाजी को लेकर देशद्रोह का मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्जी ठुकराए जाने के बाद कन्हैया के वकीलों ने अब दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हाईकोर्ट को इस मामले पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करनी थी। इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि कोर्ट इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला सुनाएगी। इस बीच सरकार और दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर फिलहाल सुनवाई से आज इनकार करते हुए उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? कन्हैया के वकील राजू रामचंद्रन ने कहा - हाईकोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट एक ही हैक्सागन पर हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के वकील कन्हैया का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस सारे मामले की लगातार सुनवाई की है। ट्रायल कोर्ट में कन्हैया और वकील की हिफाजत नहीं की जा सकती। उधर, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में साफ किया कि उन्हें अब कन्हैया कुमार के रिमांड की जरूरत नहीं है। जमानत याचिका में कन्हैया की ओर से कहा गया कि वह बेगुनाह है। पुलिस को अब हिरासत की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं। उसके खिलाफ ठोस सबूत मिलने से पहले ही गुनाहगार जैसा बर्ताव किया गया। पटियाला हाउस में उसे पीट-पीटकर मार डालने की कोशिश की गई। उसके अधिकारों का हनन किया गया। कन्हैया ने जेल में भी जान का खतरा बताया है। याचिका में यह भी लिखा गया है कि पटियाला हाउस कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद सुरक्षा नहीं हो पाई। वहां उसे फेयर ट्रायल नहीं मिलेगा।

नई दिल्ली: भारत ने संसद हमला मामले में फांसी पर लटकाए गए अफजल गुरू के बारे में पाकिस्तान के बयान को लेकर उस पर पलटवार किया और कहा कि जम्मू कश्मीर एक अंदरूनी मुद्दा है और उसकी ‘‘अनावश्यक टिप्पणियां’’ अस्वीकार्य हैं । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘ जम्मू कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है । जम्मू कश्मीर के बारे में पाकिस्तान की अनावश्यक टिप्प्णी अस्वीकार्य है ।’ वह पाकिस्तानी विदेश विभाग के अपने समकक्ष मुहम्मद नफीस जकारिया के उस बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था ‘कश्मीरी लोगों ने अफजल गुरू के अन्यायोचित मामले को कभी स्वीकार नहीं किया।’

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