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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

पोर्ट मोर्सबी: महात्मा गांधी की शिक्षा आज के समय में भी प्रासंगिक है जहां ‘असहिष्णुता और चरमपंथ’ बढ़ रहा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां यह बात कही जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व और परस्पर सम्मान की याद दिलाई। पापुआ न्यू गिनी विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति के दृष्टिकोण और उपदेश ‘मानवता को सौहार्दपूर्ण सह अस्तित्व और परस्पर सम्मान के सच्चे मूल्यों की याद दिलाते हैं और समानता तथा सभी की स्वतंत्रता के लिए मिलकर काम करने की जरूरत बताते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पूरी दुनिया में शांति और अहिंसा के प्रतीक के तौर पर सम्मान दिया जाता है..एक ऐसी दुनिया में जहां असहिष्णुता और चरमपंथ बढ़ रहा है, महान व्यक्ति की जिंदगी और संदेश सच्चाई और वैश्विक भाईचारे का प्रेरणादायक उदाहरण है।’ पीएनजी की यात्रा पर गए पहले भारतीय राष्ट्रपति मुखर्जी ने दौरे को ‘ऐतिहासिक’ बताया। विश्वविद्यालय परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा भी है जो 1997 में लगाई गई थी और राष्ट्रपति ने भाषण देने से पहले वहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को बताया कि पिछले साल में दो करोड़ से अधिक मुकदमों का निस्तारण किये जाने के बावजूद देश के 24 उच्च न्यायालयों एवं निचली अदालतों में तीन करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। सरकार द्वारा यह ताजे आंकड़े ऐसे समय में दिये गये जबकि भारत के प्रधान न्यायाधीश ने रविवार को कहा था कि भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर 15 न्यायाधीश हैं जबकि विधि आयोग ने करीब 30 साल पहले इस अनुपात को बढ़ाकर प्रति दस लाख लोगों पर 50 न्यायाधीश करने की सिफारिश की थी। कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि 31 दिसंबर 2015 तक उच्च न्यायालयों में 38.70 लाख मामले लंबित थे जबकि जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में 2.70 करोड़ मामले लंबित थे। उन्होंने मामलों के निस्तारण का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2015 में उच्च न्यायालयों ने 1580911 मामले निस्तारित किये जबकि निचली अदालतों में ऐसे मामलों की संख्या 17897488 रही।

नई दिल्ली: कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले के मामले में एक विशेष अदालत ने उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव तथा 13 अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश में आरोप निर्धारण का आदेश दिया है। जेएसपीएल ने बयान में कहा, ‘हम अपनी कंपनी तथा उसके प्रबंधन के खिलाफ सभी आरोपों को खारिज करते हैं। हम भारतीय न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है और विश्वास है कि इस मामले में हम पाकसाफ होकर निकलेंगे।’ विशेष सीबीआई जज भरत पराशर ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (आपराधिक साजिश) साथ में 409 और 420 और भ्रष्टाचार निवारक कानून की धारा 13(1)(सी), 13(1)(डी) के तहत आरोप तय किए जाएं। अदालत ने हालांकि कहा कि आरोपियों के खिलाफ औपचारिक तौर पर आरोप बाद में तय किए जाएंगे। जिंदल और राव के अलावा अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता तथा 11 अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 3600 करोड़ रूपए के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदा मामले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी को तलब किया है। यह पहला मौका है जब किसी भारतीय वायुसेना के प्रमुख रहे शख्स को केन्द्रीय जांच एजेंसी ने तलब किया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि त्यागी को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत सम्मन जारी किया गया है। त्यागी को इस संबंध में जांच अधिकारी के सामने कब पेश होना है इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन समझा जाता है कि उन्हें अगले सप्ताह आने के लिए कहा गया है। सीबीआई ने इसी मामले में त्यागी से पहले पूछताछ की थी और उन्होंने उस समय किसी तरह के गलत काम से इंकार किया था। सूत्रों ने संकेत दिया कि हाल ही में मिलान (इटली) की एक अदालत द्वारा अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों में दो व्यक्तियों को सजा सुनाए जाने के बाद त्यागी से पूछताछ जरूरी हो गई थी। पूर्व वायु सेना प्रमुख पर आरोप है कि उन्होंने वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की ऊंचाई को कथित रूप से कम किया ताकि अगस्तावेस्टलैंड को भी बोली में शामिल किया जा सके।

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