नई दिल्ली: पेड न्यूज को ‘लोकतंत्र के लिए कैंसर’ करार देते हुए राज्यसभा में मनोनीत सदस्य सुब्रहमण्यम स्वामी ने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराये जाने की आज (शुक्रवार) मांग की। भाजपा नेता ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मीडिया में आने वाली पेड न्यूज लोकतंत्र के लिए कैंसर के समान है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने मई 2013 में इसी विषय पर अपनी रिपोर्ट दी है। उन्होंने इस समिति की सिफारिशों को लागू किए जाने की मांग की। उन्होंने एक निजी समाचार चैनल में दिखायी गयी खबर के हवाले से कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर कंपनी एवं बिचौलिये के बीच समझौता हुआ था। इस करार में कथित तौर पर कहा गया है कि बिचौलिया कंपनी के रक्षा सौदे के बारे में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अनुकूल खबरें सुनिश्चित की जाएंगी। स्वामी ने इसे एक बेहद गंभीर मामला करार देते हुए कहा कि इस मामले में सदन में अल्पकालिक चर्चा करवायी जानी चाहिए। इससे पहले आज सदन की कार्यवाही शुरू होने पर स्वामी ने आसन से जानना चाहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है। उस नोटिस का क्या हुआ। स्वामी के खड़े होते ही कांग्रेस सदस्य खड़े होकर उनका विरोध करने लगे।
कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर इस बात को लेकर विरोध जताया कि सदन में केवल स्वामी का ही माइक क्यों चालू है जबकि अन्य सदस्यों के समक्ष लगे माइक बंद हैं। इस पर उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि चूंकि उन्होंने स्वामी को बोलने का अवसर दिया है इसलिए उनके समक्ष लगा माइक चालू है। कुरियन ने स्वामी द्वारा उठाये गये मुद्दे पर कहा कि उनका नोटिस सभापति के समक्ष विचाराधीन है। सभापति यदि प्रथम दृष्टया उसमें कुछ पाते हैं तो वह उसे विशेषाधिकार हनन मामलों को देखने वाली समिति के पास भेज देंगे। स्वामी ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले के सदन में उठने पर आजाद की कुछ टिप्पणियों को लेकर यह नोटिस दिया है।