नई दिल्ली: कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले के मामले में एक विशेष अदालत ने उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव तथा 13 अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश में आरोप निर्धारण का आदेश दिया है। जेएसपीएल ने बयान में कहा, ‘हम अपनी कंपनी तथा उसके प्रबंधन के खिलाफ सभी आरोपों को खारिज करते हैं। हम भारतीय न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है और विश्वास है कि इस मामले में हम पाकसाफ होकर निकलेंगे।’ विशेष सीबीआई जज भरत पराशर ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (आपराधिक साजिश) साथ में 409 और 420 और भ्रष्टाचार निवारक कानून की धारा 13(1)(सी), 13(1)(डी) के तहत आरोप तय किए जाएं। अदालत ने हालांकि कहा कि आरोपियों के खिलाफ औपचारिक तौर पर आरोप बाद में तय किए जाएंगे। जिंदल और राव के अलावा अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता तथा 11 अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है।
सीबीआई ने 2008 में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लाक के जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड तथा गगन स्पॉन्ज आयरल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को आवंटन में कथित अनियमितता के लिए आरोप पत्र दायर किया था। इनके अलावा अन्य आरोपी हैं जिंदल रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव जैन, जीएसआईपीएल के निदेशक गिरीश कुमार सुनेजा तथा राधा कृष्ण सर्राफ, न्यू दिल्ली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुरेश सिंघल, सौभाग्य मीडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के. रामकृष्ण प्रसाद तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट ज्ञान स्वरूप गर्ग। ये आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं। साथ ही पांच कंपनियां जेएसपीएल, जिंदल रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड, गगन इन्फ्राएनर्जी लिमिटेड, सौभाग्य मीडिया लिमिटेड तथा न्यू दिल्ली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड भी इस मामले में आरोपी हैं। इस बीच, अदालत ने सुरेश सिंघल की माफी तथा वादा माफ गवाह बनने की याचिका पर सीबीआई तथा 14 आरोपियों को नोटिस जारी किया है। जिंदल समूह के साथ काम करने वाले एक चार्टर्ड एकाउंटेंट ने मामले में खुलासे के लिये वादा माफ गवाह बनने की पेशकश की है।