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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 3600 करोड़ रूपए के अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदा मामले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी को तलब किया है। यह पहला मौका है जब किसी भारतीय वायुसेना के प्रमुख रहे शख्स को केन्द्रीय जांच एजेंसी ने तलब किया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि त्यागी को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत सम्मन जारी किया गया है। त्यागी को इस संबंध में जांच अधिकारी के सामने कब पेश होना है इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन समझा जाता है कि उन्हें अगले सप्ताह आने के लिए कहा गया है। सीबीआई ने इसी मामले में त्यागी से पहले पूछताछ की थी और उन्होंने उस समय किसी तरह के गलत काम से इंकार किया था। सूत्रों ने संकेत दिया कि हाल ही में मिलान (इटली) की एक अदालत द्वारा अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों में दो व्यक्तियों को सजा सुनाए जाने के बाद त्यागी से पूछताछ जरूरी हो गई थी। पूर्व वायु सेना प्रमुख पर आरोप है कि उन्होंने वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की ऊंचाई को कथित रूप से कम किया ताकि अगस्तावेस्टलैंड को भी बोली में शामिल किया जा सके।

नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राज्यसभा के उप-सभापति द्वारा सदन की कार्यवाही से उनकी टिप्पणी को हटाए जाने को चुनौती देते हुए इस फैसले को मनमाना, अनुचित और सदन के नियमों के खिलाफ बताया है। राज्यसभा में मनोनीत सांसद स्वामी ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यूपीए सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की निर्माता कंपनी फिनमेकेनिका को काली सूची में डाल दिया था, जो कि एक 'झूठ' है । उन्होंने कहा कि यह झूठ बोलने के लिए वह उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की मांग करेंगे। स्वामी ने अल्पसंख्यक संस्थान के मामले पर बोलते हुए गुरुवार को कांग्रेस सदस्यों को निशाना बनाया था और कुछ टिप्पणियां की थीं, जिन्हें राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने विपक्ष के सांसदों के जोरदार विरोध के बाद कार्यवाही से हटा दिया था। कुरियन ने स्वामी से कहा था कि वह 'बेवजह दूसरे पक्ष को उकसा' रहे हैं और उन्होंने सांसद को ऐसा नहीं करने को कहा। स्वामी ने शुक्रवार को एक अन्य ट्वीट में कहा, 'मैंने उप-सभापति द्वारा मेरे शब्दों को कार्यवाही से हटाए जाने को चुनौती देते हुए राज्यसभा में एक नोटिस दायर किया है, क्योंकि यह मनमाना, अनुचित और राज्यसभा के नियमों के खिलाफ है।'

नई दिल्ली: सरकार ने महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 25 और फाइलें आज सार्वजनिक की और घोषणा की कि नेताजी को समर्पित एक स्मारक का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी में किया जाएगा। दस्तावेजों में पांच-पांच फाइलें क्रमश: प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय से और 15 विदेश मंत्रालय की 1956 से 2009 की अवधि की हैं। केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री महेश शर्मा ने फाइलें सार्वजनिक करने के बाद कहा, ‘इस देश के लोग विशेष तौर पर युवा नेताजी के जीवन, स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के बारे में जानना चाहते हैं। इसलिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।’ उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों और सांसदों की मांग के मद्देनजर सरकार ने उनके नाम पर दिल्ली में एक विशाल स्मारक निर्मित करने का निर्णय किया है जो उनके जीवन एवं स्वतंत्रता संघर्ष दर्शाएगा। उन्होंने कहा, ‘कई संगठनों एवं सांसदों की ओर से यह मांग रही है कि नेताजी को समर्पित एक बड़े स्मारक का निर्माण दिल्ली में होना चाहिए। इसलिए हमने उसके निर्माण का काम शुरू कर दिया। वह उनका जीवन, स्वतंत्रता संघर्ष और उनकी मौत से जुड़े तथ्य दर्शाएगा।’ शर्मा ने कहा कि जापान नेताजी के जीवन से संबंधित दो फाइलें सार्वजनिक करने को तैयार हो गया है।

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने दिल्ली और गुजरात यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षिक योग्यता के बारे में सूचना मांगने वाले आरटीआई आवेदनों पर उचित जवाब दें। सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलू ने प्रधानमंत्री कार्यालय को निर्देश दिया कि वह प्रधानमंत्री की जानकारी जैसे अनुक्रमांक, डिग्री नम्बर दिल्ली यूनिवर्सिटी को मुहैया कराएं ताकि वह रिकॉर्ड खंगाल सके और आरटीआई आवेदनकर्ताओं को सूचना मुहैया कराना सुगम बना सकें। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दावा किया था कि जब तक किसी छात्र का अनुक्रमांक मुहैया नहीं कराया जाए तब तक रिकॉर्ड की तलाश करना मुश्किल होगा। आरटीआई मामले के संबंध में सीआईसी अंतिम अपीलीय प्राधिकार है। यद्यपि निर्णय को किसी रिट याचिका के जरिए देश के किसी हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। सीआईसी का यह आदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से आचार्युलू को एक पत्र लिखने के एक दिन बाद आया है। केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा था कि उन्हें अपने बारे में सरकारी रिकॉर्ड को सार्वजनिक किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। केजरीवाल ने हालांकि इस पर हैरानी जतायी थी कि आयोग क्यों मोदी की शैक्षिक डिग्री पर सूचना छुपाना चाहता है।

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