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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सर्विसेज परीक्षा 2015 का परिणाम घोषित कर दिया। दिल्ली की टीना डाबी ने सिविल परीक्षा को टॉप किया है जबकि जम्मू-कश्मीर के अतहर आमिर उल शफी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यूपीएससी की इस परीक्षा में दिल्ली के जसमीत संधू ने तीसरा, वाराणसी की अर्तिका शुक्ला चौथा और कानपुर के शशांक त्रिपाठी ने पांचवां स्थान प्राप्त किया है। गौरतलब है कि फाइनल मैरिट लिस्ट दिसंबर 2015 में हुई लिखित परीक्षा और मार्च-मई 2016 में हुए इंटरव्यू के आधार पर बनाई गई है। पास हुए परीक्षार्थियों में से 1078 को आईएएस के तौर पर नियुक्ति किया जाएगा। इनकी नियुक्ति भारतीय विदेश सेवा ( आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और केंद्रीय सेवाओं, ग्रुप 'ए' और ग्रुप 'बी' में की जाएंगी। अपने पहले ही प्रयास में शीर्ष स्थान हासिल करने वाली 22 साल की टीना ने लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक किया है। उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह मेरे के लिए गर्व करने वाला क्षण है।’ दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले से ताल्लुक रखने वाले 23 वर्षीय अतहर का लोकसेवा परीक्षा में यह दूसरा प्रयास है।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक चुनावी रैली में अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर इतालवी अदालत द्वारा सोनिया गांधी का नाम लिए जाने संबंधी कथित बयान के मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। विपक्षी पार्टी ने सोमवार को राज्यसभा में भी इसी प्रकार का नोटिस दिया था। संसद के दोनों सदनों में इस मामले की गूंज आज भी सुनाई दी और लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समीप आकर न केवल नारेबाजी की बल्कि बाद में वे धरने पर भी बैठ गए। उधर, राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर मुख्य विपक्षी दल के निशाने पर आई सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। शून्यकाल के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने सोनिया गांधी की मौजूदगी में लगातार दूसरे दिन इस विषय को उठाने का प्रयास किया और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा अनुमति देने से इंकार किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोधस्वरूप अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की। सदस्य ‘झूठे आरोप बंद करो’, ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’, प्रधानमंत्री जवाब दो ’ के नारे लगा रहे थे। अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस अभी उनके विचाराधीन है और उनकी व्यवस्था के बाद ही इस पर कोई बोल सकता है। विशेषाधिकार हनन का नोटिस वीरप्पा मोइली ने दिया है। भोजनावकाश के बाद निचले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद का सत्र चलने के दौरान प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर इस विषय को उठाया, यह ठीक नहीं है। इसलिए हम विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव चाहते हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक चुनावी रैली में अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर इतालवी अदालत द्वारा सोनिया गांधी का नाम लिए जाने संबंधी कथित बयान के मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। विपक्षी पार्टी ने सोमवार को राज्यसभा में भी इसी प्रकार का नोटिस दिया था। संसद के दोनों सदनों में इस मामले की गूंज आज भी सुनाई दी और लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समीप आकर न केवल नारेबाजी की बल्कि बाद में वे धरने पर भी बैठ गए। उधर, राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर मुख्य विपक्षी दल के निशाने पर आई सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। शून्यकाल के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने सोनिया गांधी की मौजूदगी में लगातार दूसरे दिन इस विषय को उठाने का प्रयास किया और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा अनुमति देने से इंकार किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोधस्वरूप अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की। सदस्य ‘झूठे आरोप बंद करो’, ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’, प्रधानमंत्री जवाब दो ’ के नारे लगा रहे थे। अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस अभी उनके विचाराधीन है और उनकी व्यवस्था के बाद ही इस पर कोई बोल सकता है। विशेषाधिकार हनन का नोटिस वीरप्पा मोइली ने दिया है।

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में हरीश रावत ने बहुमत साबित कर दिया है। रावत के पक्ष में 33 विधायक रहे जबकि भाजपा को 28 विधायकों का समर्थन मिल पाया। एक मत स्पीकर का भी है जिसे गिना नहीं जाता। कल (बुधवार) सुबह सुप्रीम कोर्ट के सामने उत्तराखंड विधानसभा के फ्लोर टेस्ट की रिपोर्ट रखी जाएगी। राज्य में केवल दो घंटे के लिए यानि एक बजे तक राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया । बहुमत परीक्षण की कार्यवाही के बाद राष्ट्रपति शासन फिर लग गया है। गौरतलब है कि विधानसभा में निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक़ ठीक 11 बजे शुरू हुई । नौ बागी विधायकों को वोट का अधिकार नहीं मिलने के बाद अब सदन के कुल सदस्यों की संख्या 71 के बजाय 62 हो गई थी। बहुमत साबित करने के लिए रावत को 32 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी। माना जा रहा था कि भाजपा और कांग्रेस के एक-एक विधायक के पाला बदलने से उत्तराखंड विधानसभा का ताजा गणित अब कुछ इस तरह हो गया है। पूर्व सीएम रावत के पक्ष में 34 विधायक (कांग्रेस के 27, बसपा के 2, 4 निर्दलीय और 1 भाजपा) तथा विपक्ष के पक्ष में 28 विधायक (भाजपा के 27 और कांग्रेस की एक विधायक) हैं। इससे हरीश रावत का पलड़ा भारी होने की संभावना थी। सूत्रों के मुताबिक़ सदन में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ।

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