देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में हरीश रावत ने बहुमत साबित कर दिया है। रावत के पक्ष में 33 विधायक रहे जबकि भाजपा को 28 विधायकों का समर्थन मिल पाया। एक मत स्पीकर का भी है जिसे गिना नहीं जाता। कल (बुधवार) सुबह सुप्रीम कोर्ट के सामने उत्तराखंड विधानसभा के फ्लोर टेस्ट की रिपोर्ट रखी जाएगी। राज्य में केवल दो घंटे के लिए यानि एक बजे तक राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया । बहुमत परीक्षण की कार्यवाही के बाद राष्ट्रपति शासन फिर लग गया है। गौरतलब है कि विधानसभा में निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक़ ठीक 11 बजे शुरू हुई । नौ बागी विधायकों को वोट का अधिकार नहीं मिलने के बाद अब सदन के कुल सदस्यों की संख्या 71 के बजाय 62 हो गई थी। बहुमत साबित करने के लिए रावत को 32 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी। माना जा रहा था कि भाजपा और कांग्रेस के एक-एक विधायक के पाला बदलने से उत्तराखंड विधानसभा का ताजा गणित अब कुछ इस तरह हो गया है। पूर्व सीएम रावत के पक्ष में 34 विधायक (कांग्रेस के 27, बसपा के 2, 4 निर्दलीय और 1 भाजपा) तथा विपक्ष के पक्ष में 28 विधायक (भाजपा के 27 और कांग्रेस की एक विधायक) हैं। इससे हरीश रावत का पलड़ा भारी होने की संभावना थी। सूत्रों के मुताबिक़ सदन में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ।
इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया था कि उनके पार्टी के दोनों विधायक कांग्रेस के पक्ष में वोट करेंगे। कांग्रेस की विधायक रेखा आर्य भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की कार में विधानसभा में पहुंची। रेखा ने कहा कि वो फ्लोर पर बताएंगी, घर वापसी हुई या नहीं। रेखा पहले भाजपा में ही थीं। दूसरी ओर भाजपा विधायक भीमलाल आर्य पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की कार में विधानसभा पहुंचे। भीमलाल आर्य ने मीडिया को देखते ही मुंह छिपा लिया। विधानसभा के गेट के बाहर हरीश रावत ने खुद अपने एक-एक विधायक को रिसीव किया।