नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक चुनावी रैली में अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर इतालवी अदालत द्वारा सोनिया गांधी का नाम लिए जाने संबंधी कथित बयान के मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। विपक्षी पार्टी ने सोमवार को राज्यसभा में भी इसी प्रकार का नोटिस दिया था। संसद के दोनों सदनों में इस मामले की गूंज आज भी सुनाई दी और लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समीप आकर न केवल नारेबाजी की बल्कि बाद में वे धरने पर भी बैठ गए। उधर, राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर मुख्य विपक्षी दल के निशाने पर आई सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। शून्यकाल के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने सोनिया गांधी की मौजूदगी में लगातार दूसरे दिन इस विषय को उठाने का प्रयास किया और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा अनुमति देने से इंकार किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोधस्वरूप अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की। सदस्य ‘झूठे आरोप बंद करो’, ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’, प्रधानमंत्री जवाब दो ’ के नारे लगा रहे थे। अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस अभी उनके विचाराधीन है और उनकी व्यवस्था के बाद ही इस पर कोई बोल सकता है। विशेषाधिकार हनन का नोटिस वीरप्पा मोइली ने दिया है। भोजनावकाश के बाद निचले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद का सत्र चलने के दौरान प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर इस विषय को उठाया, यह ठीक नहीं है। इसलिए हम विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव चाहते हैं।
कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे के बीच ही शून्यकाल संपन्न हुआ। गौरतलब है कि तमिलनाडु में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की, इतालवी अदालत द्वारा कथित रूप से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लिए जाने संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने कल उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रक्षा मंत्री द्वारा संसद में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर चर्चा के बाद दिए गए जवाब से विरोधाभासी बयान दिया है। लोकसभा में भोजनावकाश के बाद सदन की बैठक शुरू होने पर विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर आसन से व्यवस्था की मांग करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे समेत पार्टी के सभी सदस्य आसन के समक्ष धरने पर बैठ गए। खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रवनीत सिंह बिट्टू और रंजीत रंजन समेत पार्टी के सभी सदस्य आसन के निकट आकर धरने पर बैठ गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया और खगड़े द्वारा व्यवस्था की मांग करने पर आसन पर मौजूद सभापति आनंदराव अड़सुल ने कहा कि वह तो अस्थायी तौर पर आसन पर बैठे हैं और यह मामला स्पीकर के विचाराधीन हैं। वही कुछ फैसला दे सकती हैं। सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा यह कहे जाने पर सदन में सूखे पर चर्चा होनी है तो खड़गे ने कहा कि सूखे पर चर्चा महत्वपूर्ण है और कांग्रेस सदन को बाधित नहीं करना चाहती। इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठ रहे हैं। इसके बाद सभी सदस्य आसन के समक्ष आकर बैठ गए। नियम का हवाला देते हुए संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि अध्यक्ष तय करेंगी कि यह विशेषाधिकार हनन नोटिस है या नहीं। उधर, राज्यसभा में कांग्रेस के लक्ष्मण शांताराम नाइक ने भी इसी मुद्दे पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और आरोप लगाया कि मोदी और पर्रिकर ने संसद के बाहर यह ‘झूठ’ बोला है कि हेलीकॉप्टर सौदे में संप्रग अध्यक्ष ने दलाली ली। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में आ कर स्थिति स्पष्ट करने और अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की और उनके हंगामे के कारण उच्च सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया। उच्च सदन में जब नाइक ने अपने विशेषाधिकार हनन नोटिस के बारे में कुरियन से जानना चाहा तब वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को संसद में और संसद के बाहर भ्रष्टाचार पर बोलने का अधिकार है और उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकती।’ कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे संसद में बोलें या संसद के बाहर, चाहे वह देश में बोलें या देश के बाहर, वह प्रधानमंत्री ही होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने ही रक्षा मंत्री के बयान से विरोधाभासी बयान दिया है।