नई दिल्ली: सीबीआई ने कई गैर सरकारी संगठनों को कथित रूप से मनमाने ढंग से एफसीआरए नोटिस जारी करने के मामले में गृहमंत्रालय के एक अवर सचिव के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। यह मामला अवर सचिव आनंद जोशी और कुछ अनाम लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है जिनपर आरोप है कि वे कथित रूप से भ्रष्टाचार में संलिप्त थे और एफसीआरए के तहत पंजीकृत कई गैर सरकारी संगठनों को कथित रूप से मनमाने ढंग से नोटिस जारी किया था। गैर सरकारी संगठन विदेशों से चंदा ले रहे थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोपी ने उनमें से कुछ गैर सरकारी संगठनों से अचल संपत्तियों और कुछ निजी कंपनियों की मार्फत कथित रूप से रिश्वत ली थी। आरोपित अधिकारी के चार परिसरों में छापेमारी की गई। यह मुद्दा उस वक्त सामने आया जब सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के दो संगठनों के खिलाफ कथित एफसीआरए उल्लंघन से जुड़ी फाइलें गृहमंत्रालय से गुम हो गईं। ये फाइलें खोज ली गईं और एफसीआरए प्रखंड में रख दी गईं, लेकिन सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा गया। सूत्रों ने बताया कि तीस्ता के एक एनजीओ ‘सबरंग ट्रस्ट’ की फाइलें उस वक्त गुम हो गईं जब गृह मंत्रालय ने उसका पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया।
गृहमंत्रालय ने 09 सितंबर 2015 को ‘सबरंग ट्रस्ट’ का लाइसेंस निलंबित कर दिया था और फर्म से जवाब मांगा था। जवाब नहीं देने पर 180 दिन में उसका एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया जाता। तीस्ता ने अपना जवाब अक्टूबर में दाखिल कर दिया था। गृहमंत्रालय की ओर से दी गई समयसीमा इस साल मार्च में खत्म हो गई।