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नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि चार अगस्त को दक्षेस मंत्री स्तरीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह और पाकिस्तान के नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि भारत के गृह मंत्री दक्षेस सम्मेलन के लिए जा रहे हैं। पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी।’ प्रवक्ता ने यह टिप्पणी ऐसे समय की जब मीडिया में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से विदेश मंत्रालय के बयान के विरोधाभासी खबरें आई थीं कि सिंह अपने समकक्ष चौधरी निसार अली खान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। स्वरूप ने गुरुवार को स्पष्ट किया था कि गृह मंत्री बहुराष्ट्रीय दक्षेस सम्मेलन के लिए जा रहे हैं और कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, उम्मीद है कि सिंह पाकिस्तान से भारत में आतंक के कृत्यों को प्रायोजित करना बंद करने के लिए कहेंगे और पठानकोट वायुसैन्य अड्डे पर आतंकी हमले की जांच तथा पाकिस्तान में मुंबई आतंकी हमले की सुनवाई की धीमी रफ्तार के मुद्दे को उठाएंगे। सिंह के साथ केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि और गृह मंत्रालय के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की। दोनों के बीच हुई बातचीत में जम्मू-कश्मीर की उथल-पुथल भरी स्थिति पर चर्चा की गई। केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हुई बातचीत की प्रकृति का अभी पता नहीं चला है। लेकिन राजनाथ ने ऐसे समय में महबूबा से बात की है जब कल ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ के वक्त न तो उन्हें और न ही सुरक्षा बलों को पता था कि घटनास्थल पर हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी मौजूद था। इस मुठभेड़ में आतंकवादी बुरहान मारा गया था। बुरहान की मौत के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा में अब तक 47 लोग मारे जा चुके हैं। बातचीत का ब्योरा दिए बगैर आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि महबूबा से राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई। महबूबा ने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा था, ‘जहां तक मैं जानती हूं जैसा कि मैंने पुलिस, थलसेना से सुना जिन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ यह पता था कि वहां तीन आतंकवादी हैं, लेकिन यह नहीं पता था कि वे कौन हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘लिहाजा, वे जो कह रहे हैं उस पर मैं क्या कह सकती हूं। मुझे लगता है कि यदि वे जानते (कि बुरहान वहां था), तो शायद हमारे सामने ऐसे हालात नहीं होते, जब हालात सुधर रहे थे लिहाजा एक मौका हो सकता था।’ पिछले हफ्ते गृह मंत्री ने श्रीनगर का दौरा किया था और कई वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार राज्य के साथ सिर्फ जरूरत पर आधारित नहीं बल्कि एक जज्बाती रिश्ता चाहती है।

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के लोकसभा में दी गई इस दलील को खारिज किया कि संप्रग सरकार ने मुद्रास्फीति दहाई अंक पर छोड़ी थी। चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा कि वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार ने विरासत में दहाई अंक में मुद्रास्फीति छोड़ी थी। जून 2014 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.77 प्रतिशत पर थी जबकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मंहगाई दर 5.66 प्रतिशत थी। क्या वित्त मंत्री ने दोनों आंकड़े एक साथ जोड़ लिए?? जादुई सांख्यिकी। जेटली ने लोकसभा में मुद्रास्फीति पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि राजग सरकार को 2014 में संप्रग से विरासत में दहाई अंक में मंहगाई दर मिली थी जिसे काफी हद तक नीचे लाया गया और यह अच्छे मानसून के साथ और नीचे जाएगा। जेटली की टिप्पणी राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र को निशाने पर लिए जाने के बाद आई। गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार मूल्य नियंत्रण विशेष तौर पर आवश्यक जिंसों की कीमत पर नियंत्रण करने में नाकाम रही है।

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि इंडोनेशिया में मादक पदार्थ मामले में भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गयी है जिसे बीती रात मौत की सजा दी जानी थी। सुषमा ने ट्वीट किया, इंडोनेशिया में भारतीय राजदूत ने मुझे सूचना दी है कि गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गई है जिसकी मौत की सजा बीती रात के लिए तय थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भारतीय नागरिक को मौत की सजा क्यों नहीं दी गयी जबकि चार अन्य दोषियों को ‘फायरिंग स्क्वाड’ ने मौत की सजा दे दी। 48 वर्षीय सिंह का नाम उन 10 दोषियों की सूची में था जिन्हें मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन मौत की सजा नहीं दी गई। इंडोनेशिया की एक अदालत ने उसे 300 ग्राम हेरोइन तस्करी करने के प्रयास का दोषी पाया था और उसे 2005 में मौत की सजा सुनायी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कल कहा था कि जकार्ता में भारतीय दूतावास के अधिकारी इस मुद्दे को लेकर इंडोनेशियाई विदेश विभाग और देश के शीर्ष नेताओं तक पहुंच रहे हैं। सुषमा ने कहा था कि सरकार सिंह को बचाने के लिए अंतिम क्षण का प्रयास कर रही है। स्वरूप ने कहा कि सिंह के कानूनी प्रतिनिधि अफधाल मुहम्मद का मत था कि वह संबंधित कानून के तहत इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के समक्ष क्षमादान की याचिका दायर कर सकता है। दूतावास ने इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय को एक ‘नोट वर्बेल’ भेजकर आग्रह किया कि मौत की सजा से पहले सभी कानूनी उपाय अपनाए जाने चाहिए।

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