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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की। दोनों के बीच हुई बातचीत में जम्मू-कश्मीर की उथल-पुथल भरी स्थिति पर चर्चा की गई। केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हुई बातचीत की प्रकृति का अभी पता नहीं चला है। लेकिन राजनाथ ने ऐसे समय में महबूबा से बात की है जब कल ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ के वक्त न तो उन्हें और न ही सुरक्षा बलों को पता था कि घटनास्थल पर हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी मौजूद था। इस मुठभेड़ में आतंकवादी बुरहान मारा गया था। बुरहान की मौत के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा में अब तक 47 लोग मारे जा चुके हैं। बातचीत का ब्योरा दिए बगैर आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि महबूबा से राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई। महबूबा ने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा था, ‘जहां तक मैं जानती हूं जैसा कि मैंने पुलिस, थलसेना से सुना जिन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ यह पता था कि वहां तीन आतंकवादी हैं, लेकिन यह नहीं पता था कि वे कौन हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘लिहाजा, वे जो कह रहे हैं उस पर मैं क्या कह सकती हूं। मुझे लगता है कि यदि वे जानते (कि बुरहान वहां था), तो शायद हमारे सामने ऐसे हालात नहीं होते, जब हालात सुधर रहे थे लिहाजा एक मौका हो सकता था।’ पिछले हफ्ते गृह मंत्री ने श्रीनगर का दौरा किया था और कई वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार राज्य के साथ सिर्फ जरूरत पर आधारित नहीं बल्कि एक जज्बाती रिश्ता चाहती है।

राजनाथ ने यह भी कहा था कि राज्य में एक बार अमन-चैन कायम हो जाने के बाद केंद्र सरकार जरूरत पड़ने पर किसी से भी बातचीत कर सकती है। बहरहाल, मुख्य विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें सुरक्षा बलों और बुरहान के बीच हुई मुठभेड़ के बारे में पता नहीं था। उमर ने दावा किया कि महबूबा को आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ के बारे में पूरी जानकारी पहले से थी।

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