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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मंदसौर में गौ रक्षा के नाम पर दो मुस्लिम महिलाओं को कथित तौर पर पीटे जाने की घटना पर विरोध जताते हुए विपक्षी बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि गौ रक्षा के नाम पर दलितों और मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। सदन की बैठक शुरू होने के बाद आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए गए। इसके तत्काल बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि गुजरात के उना में दलित युवकों को पीटे जाने की घटना के बाद मध्यप्रदेश में दो मुस्लिम महिलाओं को बीफ रखने के संदेह में गौ रक्षकों के एक समूह ने पीटा। मायावती ने आरोप लगाया कि मंदसौर रेलवे स्टेशन में पुलिस के सामने यह घटना हुई और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा बालिकाओं की सुरक्षा तथा महिलाओं का सम्मान तथा गरिमा बनाए रखने की बात करती है और वहीं दूसरी ओर भाजपा शासित राज्य में महिलाओं के साथ गुंडे दुर्व्यवहार करते हैं। बसपा नेता ने कहा कि इस घटना से कुछ ही दिन पहले गुजरात के उना में चार दलित युवकों की पिटाई वाली घटना हुई थी। कांग्रेस सदस्यों ने मायावती की बात का समर्थन किया। मायावती ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से सवाल किया कि उनके समुदाय की महिलाओं को गौ रक्षा के नाम पर निशाना क्यों बनाया जा रहा है। मायावती के अपनी बात पूरी करते ही बसपा कार्यकर्ता आसन के समक्ष आ गए। फिर कांग्रेस सदस्य भी आसन के सामने आ गए।

नई दिल्ली: कश्मीर में जारी अशांति के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज कहा कि साइबर जगत में लड़ा जाने वाला ‘मनोवैज्ञानिक युद्ध’ हमारे समय का ‘नया खतरा’ है। उन्होंने नये युग के इस युद्ध में मुकाबला करने के लिए लोगों से ‘सोशल मीडिया सैनिक’ बनने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है। पहले पारंपरिक युद्ध होते थे फिर परमाणु युद्ध हुए और फिर ‘लिमिटेड इन्टेंसिटी वार’ (जैसे करगिल युद्ध) हुआ। लेकिन आज का खतरा साइबर युद्ध है और वह भी इस मनोवैज्ञानिक युद्ध के जरिये। यह मनोवैज्ञानिक युद्ध सबसे बड़ा युद्ध है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में करगिल विजय दिवस मनाने के लिए जम्मू कश्मीर पीपुल्स फोरम द्वारा आयेाजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में कश्मीर में एक आतंकवादी मारा गया जैसे कि कई अन्य आतंकी मारे जाते हैं। उन्होंने कहा कि उस आतंकवादी पर करीब 1,25,000 ट्वीट हुए जिनमें से 49,000 भारत से हुए, 52,000 अज्ञात स्थानों से और 10,000 पाकिस्तान से हुए। सेना के अपने दिनों को याद करते हुए राठौड़ ने कश्मीर का अनुभव साझा किया जहां एक बार उन्हें आतंकवादियों को मार गिराने के लिए उसके हुलिया की कल्पना करनी पड़ी थी।

नई दिल्ली: पहलवान नरसिंह यादव को रियो ओलंपिक में जाने से रोकने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचा गया था। सूत्रों के मुताबिक ,नरसिंह ने मंगलवार को उस संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर ली, जिसने उन्हें खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाकर दी थी। उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा। नरसिंह बुधवार को होने वाली नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ और नरसिंह के वकील नाडा के सामने कई सबूत पेश करेंगे। इसमें सीसीटीवी की वो फुटेज भी है, जिसमें पिछले दिनों एक अज्ञात शख्स खाने में कुछ मिलाने की कोशिश करता नजर आ रहा था। राहत के लिए नाडा के सामने नरसिंह को यह साबित करना होगा कि उनके फंसने से सीधा प्रतिद्वंद्वी को फायदा पहुंच रहा था। माना जा रहा है कि नरसिंह इसमें अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवान और उनके रिश्तेदार का सीधा नाम ले सकते हैं। वाडा का नियम 10.4 कहता है कि यदि साजिश के तहत किसी को फंसाया गया है, तभी उसे निलंबन से छूट दी जाएगी। यदि नरसिंह पूरी तरह अपना पक्ष साबित नहीं कर सके तो उन्हें कम से कम एक साल का निलंबन झेलना होगा। सूत्रों ने बताया कि नरसिंह को 5 जून को खाने में मिलाकर प्रतिबंधित दवा दी गई।

नई दिल्ली: दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आज पहली बरसी है। इस मौके पर उनके राष्ट्रीय स्मारक का शिलान्यास आज तमिलनाडु के रामेश्वरम में किया गया। रक्षा मंत्रालय ने कलाम के राष्ट्रीय स्मारक के लिए शिलान्यास, उनकी आदमकद प्रतिमा के अनावरण और स्मारक का एक त्रिआयामी मॉडल जारी करने समेत अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई थी। राष्ट्र निर्माण की दिशा में कलाम के जीवन और उपलब्धियों को चित्रित करती ‘मिशन ऑफ लाइफ’ नाम की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा। शहरी विकास और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर प्रतिमा तथा स्मारक मॉडल का अनावरण किया। 27 जुलाई 2015 को भारतमाता ने अपने सबसे पसंदीदा राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को खोया। मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम को उस समय हार्ट अटैक आया जब वह शिलांग स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भले ही रॉकेट वैज्ञानिक थे, लेकिन जमीन से जुड़े हुए थे। राष्ट्रपति के रूप में भारत के सबसे शीर्ष पद पर रहते हुए भी एपीजे अब्दुल कलाम ने समाज के हर तबके के साथ सहानुभूति दिखाई और कभी भी आडंबर का प्रदर्शन नहीं किया।

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