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नई दिल्ली: विपक्षी पार्टी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा में उत्तराखंड से सटी सीमा क्षेत्र में इस माह की शुरुआत में चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मुद्दा उठाया। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया व अन्य ने उठाया। सिंधिया ने कहा कि घुसपैठ की यह घटना चमोली के पास हुई और चीनी सेना भारतीय सीमा में 200 मीटर अंदर तक घुस आई। कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया, "खबरें हैं चीनी सैनिकों ने उस क्षेत्र के स्थानीय राजस्व अधिकारियों से बदसलूकी की।" सिंधिया ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। साल 2014 में भी ऐसी घटनाएं उत्तराखंड में सामने आई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी सैनिकों ने पहले अरुणाचल प्रदेश में भी भारतीय सीमा लांघने की कोशिश की थी। कांग्रेस सदस्य की चिंताओं का समर्थन करते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने इस मामले पर गृह मंत्री या रक्षा मंत्री के बयान की मांग की। सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि भारत सरकार को चीन के इरादों के बारे में अधिक सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा से चीन के बारे में आगाह करता रहा हूं।" उत्तराखंड से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बी. एस. कोश्यारी ने भी कहा कि मामला 'गंभीर' है। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि इसके लिए केवल केंद्र सरकार को दोषी ठहराना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा, "स्थानीय राज्य सरकार की भी इस मामले में जिम्मेदारी है।"

नई दिल्ली: राज्यसभा में आज (गुरूवार) विपक्ष ने सब्सिडी वाली एलपीजी, पीडीएस आपूर्ति, पेंशन आदि सरकारी फायदे लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने का विरोध करते हुए भारी हंगामा किया। सदन की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी तृणमूल कांग्रेस, बीजद एवं सपा ने इस मुद्दे पर कार्यस्थगन नोटिस दिया था। इस मुद्दे का कांग्रेस एवं वाम दलों ने भी समर्थन किया। इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया कि नागरिकों को जारी किया गया विशिष्ट पहचान संख्या या आधार कार्ड सरकारी लाभ उठाने के लिए अनिवार्य नहीं है तथा इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। किन्तु विपक्षी सदस्य इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये। आज सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सपा के नरेश अग्रवाल, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन एवं बीजद के दिलीप तिर्की ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि उनके नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया है। सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि केन्द्र ने राज्य सरकारों को यह दिशानिर्देश जारी किया है कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हो उन्हें राशन कार्ड लाभ, पेंशन एवं सब्सिडी वाली रसोई गैस देना बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चूंकि देश की 40 प्रतिशत आबादी के पास आधार कार्ड नहीं है इसलिए इस कदम से गरीबों पर विपरीत असर पड़ रहा है।

नई दिल्‍ली: सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक में कुछ प्रमुख बदलावों को बुधवार को मंजूरी दे दी। राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त विनिर्माण कर लगाने संबंधी प्रावधान हटा लिया गया है। इसके साथ ही जीएसटी अमल में आने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी पर भी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिये गये। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक में यह भी प्रावधान किया जायेगा कि जीएसटी लागू होने पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद की सूरत में जीएसटी परिषद में मामला जायेगा और वही फैसला करेगी। इस परिषद में केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि होंगे। विधेयक में एक प्रतिशत अंतर-राज्यीय कर को समाप्त कर सरकार ने विपक्षी दल कांग्रेस की तीन में से एक प्रमुख मांग को मान लिया है। कांग्रेस के विरोध की वजह से ही जीएसटी विधेयक राज्यसभा में अटका हुआ है। बहरहाल कांग्रेस की दो अन्य प्रमुख मांगों पर कोई पहल नहीं हुई है। कांग्रेस की मांग है कि जीएसटी की अधिकतम दर का संविधान में उल्लेख किया जाये और कर विवाद का निपटारा सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश की अध्यक्षता वाली संस्था करे। जीएसटी विधेयक में किये गये इन बदलावों पर राज्यों की सहमति होने और विधेयक में इन संशोधनों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार को लंबे समय से अटके पड़े जीएसटी विधेयक के राज्यसभा में पारित होने की उम्मीद है।

नई दिल्ली: पिछले दिनों चीन के सैनिकों ने उत्तराखंड क्षेत्र के चमोली जिले में भारत की सीमा में घुसपैठ की । हथियारों से लैस इन सैनिकों को इलाके में डेरा डाले देखा गया जबकि दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र को विसैन्यीकृत रखने पर सहमति है । आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह घटना 19 जुलाई को उस वक्त हुई जब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकारियों सहित कुछ अन्य की टीम चमोली के जिलाधिकारी की अगुवाई में बाराहोती मैदान का निरीक्षण करने गई थी । सूत्रों ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने चमोली के जिलाधिकारी की अगुवाई में गई टीम को यह कहते हुए वापस भेज दिया कि यह उनका इलाका है । करीब 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला बराहोती मैदान 1957 से ही दोनों देशों द्वारा एक विवादित भाग माना जाता रहा है । इस विवाद को दोनों पक्षों द्वारा वार्ता के जरिए सुलझाए जाने पर सहमति बनी थी। सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ सालों से चीनी सैनिकों को इस इलाके में देखा जाता रहा है और कई बार उन्होंने वायु सीमा का भी उल्लंघन किया है । चीनी पक्ष ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ वार्ता के लिए 19 अप्रैल 1958 को एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था । दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि वे इस इलाके में अपने सैनिक नहीं भेजेंगे, लेकिन उन्होंने बराहोती मैदान के मसले को हमेशा के लिए निपटाने पर चर्चा से परहेज किया था । सूत्रों ने बताया कि इस समझौते के बाद से आईटीबीपी इस इलाके में हथियारों के साथ कभी दाखिल नहीं हुई ।

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