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नई दिल्ली: तमिलनाडु के एक मंदिर में प्रवेश से कथित तौर पर मना किए जाने के बाद कुछ दलित परिवारों के इस्लाम कबूलने की अफवाहों के बीच भाजपा सांसद उदित राज ने दावा किया कि हिंदू धर्म धर्मांतरण की वजह से नहीं, बल्कि इसके तथाकथित 'रखवालों' की वजह से खतरे में है। दलित नेता ने देश में हिंदू धर्म के अस्तित्व पर शंका जताई और कहा कि यह दलितों के अन्य धर्मों में धर्मांतरण की वजह से नहीं, बल्कि इसके तथाकथित रखवालों की वजह से खतरे में है। हाल में ऐसी खबरें थीं कि अगड़ी जाति के हिंदुओं द्वारा दलितों को नागपत्तनम में प्राचीन बद्राकालियाम्मन मंदिर में पूजा-पाठ करने की अनुमति देने से मना करने के बाद कुछ दलितों ने इस्लाम कबूलने की योजना बनाई है। हालांकि नागपत्तनम जिला प्रशासन ने बाद में खबर का खंडन किया था। उदित राज ने कहा कि अगर दलितों के लिए मंदिरों के द्वार बंद किए गए, तो वो चर्च, मस्जिद जाएंगे और 'हम उसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। 'ऑल इंडिया कॉन्फेडरेशन ऑफ एससी, एसटी आर्गनाइजेशंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ने कहा, '...और तब उन लोगों (हिंदू धर्म के संरक्षकों) को दलितों के चर्च या मस्जिद में जाने से समस्या होगी. वो कहते हैं कि हिंदू धर्म खतरे में है. यह सिर्फ उनकी वजह से है और न कि हमारी (दलितों) वजह से।' उदित राज ने दावा किया कि बर्मा, थाईलैंड, ईरान, फिलीपीन, कजाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में हिंदू आबादी उल्लेखनीय रूप से कम हुई है और 'भारत में हिंदू धर्म का अस्तित्व मुश्किल में है और हम उसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।'

उन्होंने दावा किया कि हिंदुओं का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया में है, लेकिन वहां एक भी हिंदू नहीं है। संगठन के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई धर्म नहीं है, जहां लोग अपने ही धर्म के लोगों पर 'धर्म के नाम' पर हमला करते हैं। दलितों पर हालिया अत्याचार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'जहां कहीं भी इस तरह की स्थिति पैदा होती है, उसकी निंदा की जानी चाहिए और सबको इसके खिलाफ लड़ाई में आगे आना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मैं आश्चर्यचकित हूं... जब भी उनके खिलाफ अत्याचार हों तो क्यों सिर्फ दलितों को आगे आना चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि जो भी सत्ता में रहता है, दलितों पर हमला जारी रहता है. सिर्फ संख्या में अंतर होता है।

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