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नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए आज कहा कि इस्लामाबाद को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश से बाज आना चाहिए। सरकार ने यह भी कहा कि उसे आतंकवाद का महिमामंडन मंजूर नहीं है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत को आतंकवाद का महिमामंडन मंजूर नहीं है तथा पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की आगे और कोशिश से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि आठ जुलाई को हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्लामाबाद में कई प्रमुख देशों के राजदूतों से इस बारे में बात की जिनमें सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन तथा अमेरिका और यूरोपीय संघ, इस्लामिक सहयोग संगठन और आसियान देश शामिल हैं। पाक ने आठ जुलाई से जम्मू कश्मीर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान भारतीय प्राधिकारियों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाया है। मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा है और नयी दिल्ली ने पाकिस्तान की इस तरह की कार्रवाई तथा वक्तव्यों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। सुषमा ने बताया कि सरकार ने दुष्प्रचार की पाकिस्तान की कोशिशों का मुकाबला करने के लिए अन्य देशों से बात की है।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज (गुरूवार) तमिलनाडु सरकार से घरेलू सहायिकाओं के उत्पीडन के एक मामले में अन्नाद्रमुक से निष्कासित और राज्यसभा सदस्य शशिकला पुष्पा, उनके पति और बेटे के खिलाफ 22 अगस्त तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने याचिकाकर्ताओं से राहत के लिए तब तक तमिलनाडु की सक्षम अदालत से गुहार लगाने को कहा। अदालत ने कहा, ‘पुलिस 22 अगस्त तक कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाएगी।’ अदालत ने कहा कि वे तमिलनाडु में अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। हालांकि अदालत ने इस मामले की कार्यवाही पर रोक वाला कोई आदेश पारित नहीं किया। उच्च न्यायालय ने कल अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु सरकार को शशिकला, उनके पति लिंगेश्वर तिलाकन और बेटे प्रदीप राजा के खिलाफ आज तक कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोका था। राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया था कि भादंसं और तमिलनाडु महिला उत्पीडन रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत पुदुक्कोतई जिले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। सुनवाई के दौरान कल याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंद्रजोग ने अदालत को बताया था कि उनके मुवक्किल फिलहाल दिल्ली में मौजूद हैं और उन्हें तमिलनाडु में सक्षम अदालत से गुहार लगाने के लिए कुछ संरक्षण मिलना चाहिए।

नई दिल्ली: राज्यसभा में प्रसूति अवकाश (संशोधन) विधेयक गुरुवार को पारित हो गया। इसमें निजी संस्थानों में कार्यरत कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रावधान है। यानी बच्चा पैदा होने पर उन्हें साढ़े छह महीने की छुट्टी मिलेगी। इसमें आठ सप्ताह का अवकाश प्रसव से पूर्व का होगा। सरकारी कर्मचारियों को पहले ही यह सुविधा मिली हुई है। शुक्रवार को संसद का आखिरी दिन है और सरकार इसे लोकसभा में पारित कराने की कोशिश कर सकेगी ताकि इसे जल्द से जल्द लागू किया जा सके। राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सभी दलों ने सरोगेट मदर को भी इस सुविधा के दायरे में लाने की जोरदार मांग रखी, मगर सरकार ने कहा कि सुझाव पर बाद में विचार किया जाएगा। अभी विधेयक में इस प्रावधान को शामिल करना संभव नहीं। दरअसल, इस विधेयक में यदि कोई महिला सरोगेसी के जरिये बच्चे को प्राप्त करती है तो उसे 12 सप्ताह का अवकाश मिलेगा। लेकिन जिस महिला की कोख में बच्चा पला उसके लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इसी प्रकार यदि तीन महीने के बच्चे को गोद लेने वाली महिला को भी 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलेगा। बसपा के सतीश चंद्र ने यह मामला उठाया जिसका कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत तमाम दलों ने समर्थन किया। लेकिन श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वे इस सुझावों पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सर्वाधिक मातृत्व अवकाश देने वाला भारत तीसरे नंबर का देश हो गया है।

लंदन: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जो कुछ भी कहेंगे उससे ‘समस्या ही खड़ी होगी।’ मुखर राजन को प्राय: सरकार के आलोचक के रूप में देखा जाता है। बीबीसी के साथ फटाफट सवाल जवाब की शैली वाले एक साक्षात्कार में राजन से पीएम मोदी के बारे में अपनी राय बयान करने को कहा गया था। इस पर राजन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं इस सवाल को टाल दूंगा। मैं जो भी जवाब दूंगा उससे समस्या खड़ी होगी इसलिए मैं इस सवाल का जवाब नहीं दूंगा।’ उल्लेखनीय है कि राजन का मौजूदा कार्यकाल चार सितंबर को पूरा हो रहा है। राजन सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को लेकर अपनी टिप्पणी सहित कई मुद्दों पर अपने बयानों को लेकर विवाद खड़े कर चुके हैं। गवर्नर पर पर आगे का कार्यकाल नहीं लेने की उनकी घोषणा के बाद इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार उनके मुखर बयानों को लेकर असहज थी। राजन ने राजनीति में उतरने की संभावना को भी खारिज किया। इस बारे में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है इस मुद्दे पर केवल और केवल मेरी धर्मपत्नी की ही चलती है और इस बारे में उनका जवाब ‘ना’ है।’ राजन को रॉक स्टार बैंकर की संज्ञा दी जाती है पर उन्होंने कहा कि वह ‘नीरस आदमी’ हैं।

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