नई दिल्ली: कश्मीर में चल रही अशांति में बुधवार को एक नया मोड़ तब आया जब एनआईए ने दावा किया कि इसके पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा का हाथ है और उसने कहा कि वह अशांति को बढ़ावा देने में आतंकवादी समूह की भूमिका को लेकर और साक्ष्य जुटा रही है। यह अशांति हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में गत 8 जुलाई को मारे जाने के बाद पैदा हुई है। लश्कर-ए-तय्यबा के पकड़े गए आतंकवादी के इकबालिया बयान वाले वीडियो से लैस एनआईए के महानिरीक्षक संजीव सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि इन गर्मियों के समय से प्रतिबंधित संगठन ने सीमा पर तैनात पाकिस्तानी बलों की मदद से हथियारों से लैस आतंकवादियों को भारत में भेजा और उन्हें यह निर्देश दिया कि वे स्थानीय लोगों में मिल जाएं, अशांति पैदा करें और पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमला करें। वीडियो में दर्शाया गया है कि लाहौर में रायविंड का रहने वाला 21 वर्षीय बहादुर अली अशांति फैलाने में लश्कर-ए-तय्यबा की भूमिका के बारे में बता रहा है। उसे लश्कर-ए-तय्यबा के आधुनिक संचार नेटवर्क और पाकिस्तानी सेना द्वारा इसे दी जा रही सहायता के बारे में भी जानकारी देते दिखाया गया है। अली को पिछले महीन 25 जुलाई को उत्तर कश्मीर के हंदवाड़ा में याहमा गांव से गिरफ्तार किया गया था। वह उन समूहों में से एक में था जिन्हें कथित तौर पर मौजूदा हालात का फायदा उठाने और प्रदर्शनकारियों के साथ मिलकर सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंकने का निर्देश दिया गया था।
सिंह ने बताया, ‘अली से बातचीत के दौरान अल्फा-3 (पाक के नियंत्रण वाले कश्मीर में एक संचार केंद्र) ने कहा कि लश्कर-ए-तय्यबा आतंकवादी ईद के बाद कश्मीर में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने में सफल रहे हैं। कश्मीर में मौजूदा हालात के संबंध में उसकी भूमिका के बारे में बहादुर अली के खुलासे पर आगे की जांच जारी है।’ आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि वह पिछले 33 दिनों से घाटी में चल रही अशांति में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा की भूमिका के संबंध में साक्ष्य एकत्र कर रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादी बहादुर अली से पूछताछ में घाटी में हालात बिगाड़ने में लश्कर-ए-तय्यबा की संलिप्तता को दर्शाने के सुराग मिले हैं। अली को उत्तर कश्मीर से हाल में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए की टिप्पणी एक दिन बाद आई है जब भारत ने पाकिस्तान को अपने यहां लगातार सीमा पार आतंकवाद का समर्थन देने के लिए सख्त डिमार्शे जारी किया था। एनआईए के महानिरीक्षक संजीव सिंह ने यहां संवादादताओं से कहा, ‘एनआईए कश्मीर में मौजूदा अशांति के लिए लश्कर की भूमिका की जांच कर रही है।’ एनआईए ने मीडिया को अली बहादुर उर्फ सैफुल्ला का वीडियो दिखाया जो अपने परिवार, आतंकवादी संगठन में जो उसने समय बिताया और सीमा के इस पार आने के बारे में वह जो कुछ बता रहा है। वीडियो में वह पंजाबी में बोलते हुए दिखा। उसे 25 जुलाई को राज्य पुलिस ने हंदवाड़ा के एक गांव से गिरफ्तार किया था जब वह इस साल जून में नियंत्रण रेखा पर सेना को चकमा देने में विफल रहा। अली ने जांच अधिकारियों से कहा कि उसे नियंत्रण कक्ष कोड-नाम ‘अल्फा-3’ से उसके आकाओं ने बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आठ जुलाई को मारे जाने के बाद घाटी में अशांति के बारे में सूचित किया। नियंत्रण कक्ष से उसके आकाओं ने उससे सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंकने को कहा और उसे यह भी सूचित किया कि आतंकवादी समूह के अन्य सदस्य घाटी में घुस गए हैं और अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों में मिल गए हैं और घाटी में तनाव बढ़ा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है जब एनआईए ने पकड़े गए आतंकवादी का वीडियो बयान दिखाया है। पाकिस्तान ने इस साल की शुरूआत में मार्च में भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार भारतीय नागरिक कुलभूषण यादव का वीडियो बयान दिखाया था।