नई दिल्ली: मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और एनजीओ के अधिकारियों को अपनी पति या पत्नी और बच्चों की संपत्तियों का ब्योरा दाखिल करने से छूट देने संबंधी लोकपाल अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को पूर्व तिथि से आज मंजूरी दे दी। संसद ने 28 जुलाई को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 में संशोधन के लिए एक विधेयक को पारित किया था। सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में लोकपाल एवं लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2016 पेश करके लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 44 और उसके बाद के संशोधनों को पूर्व तिथि से संशोधन के लिए मंजूरी दे दी है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मंजूर संशोधन लोक सेवकों की विभिन्न श्रेणियों की चिंताओं और आशंकाओं का निवारण करेंगे और लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 44 के प्रावधानों को लागू करने में आ रही कठिनाइयों का निवारण करेंगे। ये संशोधन स्थायी समिति की सिफारिशों के अनुरूप हैं।’ लोकपाल नियमों के अनुसार हर लोकसेवक अपनी संपत्तियों और देनदारियों के संबंध में हर साल घोषणा करेगा। इसके साथ ही वह अपने पति या पत्नी और आश्रित बच्चों की संपत्तियों और देनदारियों की भी जानकारी हर साल 31 मार्च या उस साल 31 जुलाई से पहले दाखिल करेगा। संशोधन विधेयक के जरिए इसमें बदलाव लाया गया और लोकसेवकों के पति या पत्नी और बच्चों को छूट दे दी गई।
इस तरह की घोषणा दाखिल करने के लिए अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2016 तक बढ़ा दी गई है।