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नई दिल्ली: सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद राष्ट्रपति का मासिक वेतन देश के शीर्ष नौकरशाह की तुलना में कम हो जाने के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों के वेतन एवं भत्ते बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है। यह प्रस्ताव केंद्रीय कैबिनेट के पास उसकी मंजूरी के लिए शीघ्र ही भेजा जाएगा। फिलहाल, राष्ट्रपति को प्रति माह 1.5 लाख रूपया, उपराष्ट्रपति को सवा लाख रूपया और राज्यपाल को 1.10 लाख रूपया मिलता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद देश के शीर्ष नौकरशाह, कैबिनेट सचिव को 2.5 लाख रूपया प्रति माह और केंद्र सरकार में सचिव को 2.25 लाख रूपया प्रति माह वेतन मिलने लगेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय का प्रस्ताव अगले हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए सौंपे जाने की उम्मीद है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस संबंध में विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों का वेतन पिछली बार साल 2008 में बढ़ा था, जब संसद ने तिगुनी वृद्धि को मंजूरी दी थी। साल 2008 तक राष्ट्रपति का वेतन 50,000 रूपया, उपराष्ट्रपति का 40,000 रूपया और राज्यपाल का 36,000 रूपया था। इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति, दिवंगत राष्ट्रपति के जीवनसाथी, पूर्व उपराष्ट्रपति, दिवंगत उपराष्ट्रपति के जीवनसाथी और पूर्व राज्यपालों का पेंशन बढ़ाए जाने की उम्मीद है।

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