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नई दिल्‍ली: कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को चिकित्सा जांच के चलते फिर से सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बीमारी और कंधे की चोट के उपचार के बाद उन्हें 14 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। वह ऑपरेशन के दौरान लगाए गए टांके कटवाने के लिए बुधवार को अस्पताल गई थीं। सूत्रों ने हालांकि आज कहा कि उन्हें कल शाम ‘नियमित’ चिकित्सा जांच के लिए फिर से अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल के एक सूत्र ने कहा कि पिछले हफ्ते अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिलने के समय डॉक्टरों ने कहा था कि स्वास्थ्य की जांच के लिए उनके (सोनिया के) फिर से अस्पताल आने की संभावना है। वह इसी वजह से अब यहां हैं। सूत्र ने कहा कि उनके कुछ दिन अस्पताल में रहने की संभावना है। पार्टी सूत्रों ने भी कहा कि उन्हें फिर से भर्ती कराया गया है और वह चिकित्सा जांच के लिए कुछ दिन वहां रहेंगी। सोनिया (69) को वाराणसी में एक रोड शो के दौरान बीमार पड़ने के बाद तीन अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 14 अगस्त को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। उनका उपचार करने वाले डॉक्टरों ने तब कहा था कि वह अपनी बीमारी और बाएं कंधे की चोट से उबर चुकी हैं और उनकी स्थिति स्थिर है। सोनिया को जिस दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उस दिन अस्पताल के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष डीएस राणा ने कहा था कि अपनी स्थिति की आगे जांच के लिए श्रीमती गांधी के आगामी सप्ताह में अस्पताल आने की संभावना है।

नई दिल्ली: भारत ने आज (गुरूवार) कहा कि विदेश सचिव स्तर की वार्ता शुरू करने का विषय पाकिस्तान के पाले में है और इस्लामाबाद को ही सीमापार आतंकवाद, जम्मू कश्मीर के हिस्से पर अवैध कब्जे और आतंकी शिविरों को बंद करने को तैयार होने के विषय में निर्णय लेना है।अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी की कश्मीर पर बातचीत की पेशकश के जवाब में विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि चर्चा जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और घाटी में हिंसा और आतंकवाद को उकसावा देना बंद करने पर केंद्रित होनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि जयशंकर ने यह बताया कि वह अपने समकक्ष का इस्लामाबाद आने का न्यौता स्वीकार करते हैं लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि चर्चा सबसे पहले उनकी ओर से जम्मू कश्मीर के बारे में उठाये गए विषयों पर होनी चाहिए। स्वरूप ने कहा,‘ 16 अगस्त को लिखे पत्र में विदेश सचिव ने कहा कि सबसे पहले पाकिस्तान के स्वपोषित आरोपों को भारत सरकार पूरी तरह से खारिज करती है । पाकिस्तान का जम्मू कश्मीर में कोई अधिकार नहीं है और यह भारत का अभिन्न हिस्सा है।’ जयशंकर ने अपने पत्र में कहा कि चर्चा पाकिस्तान में आतंकवादियों को पनाह देने, पनाहगाह प्रदान करने और उन आतंकवादियों को समर्थन देने से इंकार के विषय पर होनी चाहिए जो भारतीय कानून से भागे हुए हैं। स्वरूप ने कहा, ‘गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है।उन्होंने कोई पेशकश की है, हमने उस पेशकश पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

नई दिल्ली: भारतीय थल सेना के प्रमुख दलबीर सुहाग ने पूर्व आर्मी चीफ और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला है। सुहाग ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल कर पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुहाग का आरोप है कि वीके सिंह ने गलत तरीके-इरादे और जानबूझकर उनका प्रमोशन रोकने की कोशिश की थी। गौर हो कि ये इस तरह का पहला मामला है जब किसी मौजूदा आर्मी चीफ ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ खुलकर प्रहार किया हो। आर्मी चीफ ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में यह आरोप लगाए हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, सुहाग ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दाखिल कर ये आरोप लगाए गए हैं। इसमें सुहाग ने कहा है कि 2012 में उन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ वीके सिंह ने बेवजह परेशान किया था। वीके सिंह का मुख्य उद्देश्य आर्मी कमांडर की नियुक्ति से रोकना था। सुहाग ने शपथपत्र में कहा है कि 19 मई, 2012 को मुझे जारी कारण बताओ नोटिस में फर्जी, बेबुनियाद और काल्पनिक आरोप लगाए गए। मेरे ऊपर अनुशासनिक और सतर्कता बैन थोपा गया जो पूरी तरह अवैध था। बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल रवि दास्ताने ने एक अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि दलबीर सिंह सुहाग को आर्मी कमांडर बनाने में पक्षपात किया गया था ताकि उन्हें (उस वक्त के आर्मी चीफ) बिक्रम सिंह के बाद आर्मी चीफ बनाया जा सके। बता दें कि ये मामला अप्रैल और मई, 2012 में जब वीके सिंह ने कमांड और कंट्रोल में नाकामी के आरोप में दलबीर सिंह सुहाग पर अनुशासन और विजिलेंस पाबंदी लगाई थी।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (बुधवार) कहा कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कांग्रेस ने जितनी परेशानियां झेली होंगी, भाजपा को आजाद भारत में उससे कहीं अधिक दुश्वारियों का सामना करना पड़ा । उन्होंने साथ ही इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि उनकी पार्टी के हर प्रयास को ‘‘गलत रूप में देखा जा रहा है ।’’ प्रधानमंत्री ने यहां भाजपा के नए मुख्यालय की आधारशिला रखने के दौरान कहा कि भाजपा ने किसी भी अन्य दल से अधिक बलिदान दिया है । देश की ताकत बढ़ने के साथ ही पृथकतावादी ताकतें अधिक सक्रिय हो गयी हैं और अब यह सुनिश्चित करना अधिक जरूरी हो गया है कि समाज को मजबूत किया जाए और अधिक समरसता बढ़े । ‘सबका साथ , सबका विकास’ के मकसद के साथ सबको साथ लेकर चलने की अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से देश और विश्व लोकतंत्र के समक्ष यह उदाहरण पेश करने को कहा कि किस प्रकार ‘‘आदशरे को समर्पित तथा वंशवाद से मुक्त ’’ एक दल काम करता है क्योंकि दुनिया भगवा संगठन को ‘‘उस तरीके से नहीं जानती है जिस तरीके से जानना चाहिए बल्कि उसको जानना सुनी सुनायी बातों पर आधारित है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी होगी जिसने अपने गठन के समय से ही दुश्वारियां झेली हैं। इसने हर मोड़ पर मुश्किलों का सामना किया और उसके हर प्रयास को गलत तरीके से देखा गया।’’ 

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