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नई दिल्ली: कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति मौसम से भी तेज रफ्तार से बदलती है और कहा कि उसे पाकिस्तान के प्रति अपनी ‘असंगत’ और ‘बिना सोचे अचानक’ अपनायी जाने वाली नीति खत्म करनी चाहिए और बलूचिस्तान जैसे मुद्दे उठाने से पहले देश के अंदर की समस्याएं निबटानी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘सरकार की नीति में रोजाना के परिवर्तनों पर नजर रखना हमारे लिए तकरीबन असंभव हो गया है। एक दिन हम मंत्री स्तर पर बात कर रहे हैं, एक दिन हम विदेश सचिव स्तर पर बात कर रहे हैं, एक दिन हम वापस ले रहे हैं। मैं किसी स्थिर नीति का इंतजार कर रहा हूं।’ सिंघवी ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि वास्तविक चीज टेढ़ा-मेढ़ा (जिगजैग) है, वास्तविक चीज सुसंगतता है, वास्तकि चीज इसकी कमी है और वास्तविक चीज जुमलेबाजी और खोखली धमकियां हैं। यह इस सरकार के साथ और इस प्रधानमंत्री के साथ एक वास्तविक समस्या है।’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति मौसम से ज्यादा तेज रफ्तार से बदलती है और सवाल किया, ‘किस तरह की नीति है यह? इस नी-जर्क नीति को तुरंत रोकने की जरूरत है। अगर इन विषयों पर कोई सुसंगत, स्थिर, दीर्घकालिक नीति है तो हम अपना समर्थन देने के लिए तैयार हैं।’ सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री के बलूचिस्तान के बारे में ‘अति राष्ट्रवादी’ बयान पर गर्व महसूस करते है, लेकिन इसका कोई मायने नहीं रहता है जब देश के अपने कश्मीर में चीजें सही नहीं की जाती हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान के बारे में बातें की लेकिन जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर कुछ नहीं कहा। सिंघवी ने कहा, ‘श्रीमान प्रधानमंत्री वास्तविक समस्या यह है कि आपने सत्ता की अपनी लालसा में आंतरिक अंतरविरोधों और विरोधाभासों का हल नहीं किया। जम्मू-कश्मीर में आपके अपने गठबंधन में, परस्पर विरोधाभास हैं और जब तक आप किसी समेकित नीति में उचित तरीके से मरहम नहीं लगाएंगें, कश्मीर के संबंध में एक विशाल समस्या रहेगी और मैं बड़े खेद के साथ दोहराता हूं, आपने अपने 95 मिनट के भाषण में इसे नहीं छुआ। बलूचिस्तान के बारे में बातें करने का क्या मतलब?’

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