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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि केबिन क्रू पद के लिए उनके आवेदन को जेट एयरवेज ने किसी जमाने में यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनका व्यक्तित्व कुछ खास नहीं है। टेलीविजन अभिनेत्री से नेता बनीं स्मृति ईरानी ने मजाकिया अंदाज में आवेदन खारिज करने के लिए जेट एयरवेज का धन्यवाद किया और कहा कि वहां नौकरी नहीं मिलने के बाद उन्होंने मैकडोनाल्ड में नौकरी कर ली और उसके बाद जो हुआ वह सारी बातें इतिहास का हिस्सा हैं। उन्होंने यहां एक समारोह में कहा कि मुझे नहीं पता कि बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि सबसे पहले मैंने कौन सी नौकरी चाही थी। मैंने जेट एयरवेज में केबिन क्रू के लिए आवेदन किया था। लेकिन मुझे खरिज कर दिया गया। मुझे बताया गया कि मेरी पर्सनेलिटी अच्छी नहीं है। आवेदन खारिज करने के लिए आपका धन्यवाद। एयर पैसेंजर एसोसिएशन आफ इंडिया की ओर से आयोजित एक पुरस्कार समारोह में स्मृति ने जेट एयरवेज के एक अधिकारी को पुरस्कार प्रदान करने के बाद यह बात कही।

नई दिल्ली: स्कॉर्पिन पनडुब्बी परियोजना पर लीक को ‘शर्मनाक’ करार देते हुए कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से रक्षा मंत्रालय की पूरी तरह सुरक्षा ऑडिट कराने की मांग की। पार्टी ने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ‘ऑपरेशन लीपापोती’ में लगे हुए हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ऑडिट जांच आयोग के रूप में हो सकता है और इसमें रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित राजनीतिक लोगों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच में रक्षा मंत्री और रक्षा मंत्रालय की जांच होनी चाहिए जिसमें देखा जा सके कि क्या उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि लीक से भारत की समुद्री सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। सुरजेवाला ने इसे हाल का ‘सबसे बड़ा रक्षा आपदा’ बताते हुए कहा कि इससे फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस के साथ मिलकर करीब 23 हजार 500 करोड़ रूपये की लागत से छह स्कॉर्पिन पनडुब्बी के निर्माण की पहल को झटका लगा है। मुंबई की मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स इसे फ्रांसीसी कंपनी के साथ बनाने वाली थी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘इस ‘बहुत बड़ी गलती’ से भारत की रक्षा तैयारियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं लेकिन मोदी सरकार रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी तय करने के बजाए इसकी ‘ऑपरेशन लीपापोती’ में लगे हुए हैं।’ सुरजेवाला ने दावा किया कि रक्षा मंत्री और भारतीय नौसेना सहित सभी संबंधित पक्ष विरोधाभासी सुर में बोल रहे हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को तथ्यों को स्पष्ट करने के प्रयासों के तहत उच्चतम न्यायालय से कहा कि उन्होंने आरएसएस को कभी ऐसी संस्था के रूप में दोषारोपित नहीं किया जिसने महात्मा गांधी की हत्या की है बल्कि कहा है कि इससे संबद्ध एक व्यक्ति उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही कांग्रेस एवं आरएसएस के बीच चल रहे राजनीतिक वाकयुद्ध का पटाक्षेप होता प्रतीत हो रहा है। राहुल ने अपने रूख के समर्थन में अपने उस हलफनामे के कई पैराग्राफ को उद्धृत किया जो उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय में दाखिल किया था। उन्होंने यह हलफनामा उस सम्मन को चुनौती देते दाखिल किया था जिसमें उन्हें महाराष्ट्र की 2015 की एक चुनाव रैली में उनके कथित मानहानिकारक बयान के लिए एक आरोपी के रूप में तलब किया गया था। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा एवं आर एस नरीमन की पीठ ने कहा कि यदि शिकायतकर्ता राजी हो जाए तो वह बयान को रिकार्ड पर लेंगे और याचिका को निस्तारित कर देंगे। पीठ ने कहा, ‘हमने यह समझा है कि आरोपी ने आरएसएस को उस संस्था के रूप में दोषारोपित नहीं किया जिसने महात्मा गांधी की जान ली थी बल्कि उससे संबंधित एक व्यक्ति पर दोषारोपण किया था।’ कांग्रेस उपाध्यक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उच्च न्यायालय में दायर हलफनामे की ओर पीठ का ध्यान आकृष्ट किया। सिब्बल ने कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे के रूप में आरएसएस के केवल कुछ आदमियों पर दोषारोपण किया है न कि संगठन पर।

नई दिल्‍ली: कैबिनेट ने नए सरोगेसी बिल को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कारोबारी सरोगेसी पर पूरी तरह रोक लगाने की बात है। साथ ही सरोगेसी के मामलों की निगरानी के लिए एक बोर्ड बनाने का प्रस्ताव भी है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार की अपनी बैठक में सरोगेसी बिल पर मुहर लगाकर इसके नाम पर चलने वाले कारोबार पर पूरी तरह रोक लगा दी है। सरोगेसी की इजाजत है लेकिन तभी जब लगे कि किसी शादीशुदा दंपति के सामने इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है और वह मेडिकली अनफिट हैं। अविवाहित और समलैंगिक दंपतियों को सरोगेसी की इजाजत नहीं होगी. इस नए बिल में कहा गया है कि किसी महिला को एक ही बार सरोगेसी की इजाजत होगी। अविवाहित महिला को यह इजाजत भी नहीं होगी. सरोगेसी के लिए पुरुष की उम्र पुरुष 26 से 55 के बीच हो और महिला 23 से 50 साल के बीच की हो. शादी के पांच साल बाद ही इसकी इजाजत होगी और यह काम रजिस्टर्ड क्लीनिकों में ही होगा। नए कानून में सरोगेसी पर निगरानी के लिए बोर्ड बनाने की बात है और कानून तोड़ने पर सख्त सजा का कायदा भी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मुताबिक बोर्ड के अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री होंगे और तीन महिला सांसद बोर्ड की सदस्य नियुक्त होंगी। सुषमा स्वाराज ने कहा कि सरोगेसी कुछ सेलेब्रिटीज़ के लिए एक शौक बन गया है और जिनके पास बेटे और बेटियां हैं वे भी सरोगेसी का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि उनकी पत्नियां प्रिगनेन्सी नहीं चाहती हैं।

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