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नई दिल्ली: भारत ने आज (गुरूवार) कहा कि विदेश सचिव स्तर की वार्ता शुरू करने का विषय पाकिस्तान के पाले में है और इस्लामाबाद को ही सीमापार आतंकवाद, जम्मू कश्मीर के हिस्से पर अवैध कब्जे और आतंकी शिविरों को बंद करने को तैयार होने के विषय में निर्णय लेना है।अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी की कश्मीर पर बातचीत की पेशकश के जवाब में विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि चर्चा जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और घाटी में हिंसा और आतंकवाद को उकसावा देना बंद करने पर केंद्रित होनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि जयशंकर ने यह बताया कि वह अपने समकक्ष का इस्लामाबाद आने का न्यौता स्वीकार करते हैं लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि चर्चा सबसे पहले उनकी ओर से जम्मू कश्मीर के बारे में उठाये गए विषयों पर होनी चाहिए। स्वरूप ने कहा,‘ 16 अगस्त को लिखे पत्र में विदेश सचिव ने कहा कि सबसे पहले पाकिस्तान के स्वपोषित आरोपों को भारत सरकार पूरी तरह से खारिज करती है । पाकिस्तान का जम्मू कश्मीर में कोई अधिकार नहीं है और यह भारत का अभिन्न हिस्सा है।’ जयशंकर ने अपने पत्र में कहा कि चर्चा पाकिस्तान में आतंकवादियों को पनाह देने, पनाहगाह प्रदान करने और उन आतंकवादियों को समर्थन देने से इंकार के विषय पर होनी चाहिए जो भारतीय कानून से भागे हुए हैं। स्वरूप ने कहा, ‘गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है।उन्होंने कोई पेशकश की है, हमने उस पेशकश पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

अब यह उनके उपर निर्भर करता है कि इसे आगे बढ़ायें।’ उन्होंने यह भी कहा कि जवाब में यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामित पाकिस्तानी आतंकवादी नेताओं को हिरासत में लेने और अभियोग चलाने का विषय चर्चा का हिस्सा होना चाहिए और इसके साथ आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविरों को बंद करने पर भी चर्चा हो।विदेश सचिव ने कहा कि वह अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ भारत के जम्मू कश्मीर राज्य के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को जल्द से जल्द खाली कराने के विषय पर चर्चा करने को उत्सुक हैं। अपने पत्र में विदेश सचिव ने मुम्बई और पठानकोट हवाई अड्डे के दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के महत्व को रेखांकित किया जो पाकिस्तान में है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि उनकी यात्रा में इन बातों के बारे में हुई प्रगति के संबंध में पाकिस्तान के विदेश सचिव को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए । इस बीच, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री नवाब सनाउल्लाह जेहरी ने आज मोदी की इस बात को खारिज किया कि बलूचिस्तान की जनता ने उन्हें धन्यवाद दिया। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज से ताल्लुक रखने वाले जेहरी ने प्रांतीय राजधानी क्वेटा में एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम बलूचिस्तान पर नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा करते हैं। बलूचिस्तान के किसी भी व्यक्ति ने उनके बयान का समर्थन नहीं किया।’’ जेहरी ने कहा कि कश्मीर में ‘‘आजादी के लिए संघषर्’’ और बलूचिस्तान के उग्रवाद के बीच कोई तुलना नहीं है। उन्होंने भारत पर बलूचिस्तान में उग्रवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘‘भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव’’ के नेटवर्क को पहले ही खत्म किया जा चुका है। जेहरी ने आरोप लगाया, ‘भारत सरकार बलूचिस्तान में जारी उग्रवाद का पूरा समर्थन करती है।’ जेहरी ने ये टिप्पणियां ऐसे समय की हैं जब कुछ दिन पहले सामने आए एक वीडियो में निर्वासित बलूच नेता ब्रहमदाग बुगती ने मोदी के भाषण की तारीफ की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘भारत प्रायोजित’ बुगती और अन्य प्रांत में आतंकी कृत्य कर रहे हैं। जेहरी ने बुगती को उनके अभियान के समर्थन में 50 लोगों को सड़कों पर लाने की चुनौती दी।

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