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नई दिल्ली: सरकार ने कॉलेजियम की कुछ मांगों को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए न्यायविदों और वकीलों की संख्या सीमित करने के प्रावधान को हटाने की मांग शामिल है। हालांकि, उसने उस दस्तावेज के कुछ अहम प्रावधानों पर अपना रूख कड़ा कर लिया है, जो उच्चतर न्यायपालिका में नियुक्ति की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करता है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) के संशोधित मसौदे में सरकार ने इस मांग को मान लिया है कि कितनी संख्या में वकीलों और न्यायविदों की न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति की जानी चाहिए इसकी कोई सीमा नहीं होनी चाहिए। एमओपी शीर्ष अदालत और 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति का मार्गदर्शन करती है। प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर को इस साल मार्च में भेजे गए मसौदा एमओपी में सरकार ने वकीलों और न्यायविदों की नियुक्ति के मुद्दे का उल्लेख किया था। मार्च के मसौदे में कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय में तीन न्यायाधीश बार के जाने-माने सदस्यों और अपने-अपने क्षेत्र के जानकार असाधारण विधिवेत्ताओं में से नियुक्त किए जाने चाहिए। कॉलेजियम ने महसूस किया था कि इस सीमा को हटाया जाना चाहिए और सरकार ने इस बात को मान लिया है।

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर घाटी में अशांति के लिए आज पीडीपी-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने इस संकट को और ‘बढ़ाया’ है। चिदंबरम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पूरी तरह ‘अराजक’ हो रहे हालात को लेकर वह बेहद चिंतित हैं। एक बयान में चिदंबरम ने कहा, ‘पिछले छह हफ्तों में स्थिति तेजी से बिगड़ी है और इसके लिए पीडीपी-भाजपा सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।’ संप्रग सरकार में गृह मंत्री और वित्त मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयानों ने इस संकट को और ‘बढ़ाया’ है। उन्होंने कहा, ‘शब्दों और कार्रवाईयों में संयम बरतने से स्थिति को सुधारा जा सकता है। प्रदर्शनकारी युवकों, अन्य नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौत से हम सभी स्तब्ध हैं। इसे रोका जाना चाहिए।’ चिदंबरम ने कहा कि उन्हें आशंका है कि मौजूदा सरकार इस संकट से उबरने के लिए रास्ता तलाश नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और अगर इच्छा हो तो पीडीपी को समाधान तलाशने के लिए निश्चित तौर पर साथ आना चाहिए।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के हालात पर मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। गृह मंत्री ने सुरक्षाबलों से स्पष्ट कहा है कि वे उपद्रवियों और आतंकियों के साथ कोई ढिलाई न बरतें। लेकिन आम नागरिकों के साथ बर्ताव नरम होना चाहिए। गृह मंत्रालय को खुफिया ब्यूरो ने जानकारी दी है कि सीमापार से करीब 60 से 70 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। गृह मंत्री ने सुरक्षाबलों को घुसपैठ से अतिसतर्क रहने को कहा है। उरी और पुंछ सेक्टर में घुसपैठ के बारे में भी गृहमंत्री ने जानकारी हासिल की। बैठक के दौरान घाटी में मौतों का सिलसिला न थमने पर चिंता दिखी। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृहसचिव राजीव महर्षि, आईबी, राॠ प्रमुख और अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में गृह मंत्री ने सुरक्षा बलों को हो रहे नुकसान को कम करने की रणनीति पर भी चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि राजनाथ ने बडगाम में ताजा हिंसा के बाद अन्य इलाकों में चौकसी बढ़ाने को कहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग हिंसा का रास्ता अपना रहे हैं, उनके साथ नरमी नहीं की जाएगी। अलगावादियों की हर हरकत पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि खुफिया ब्यूरो ने जानकारी दी है कि बलूचिस्तान और पीओके पर प्रधानमंत्री के बयान के बाद पाक समर्थित आतंकी गुट अलगाववादियों की मदद से कश्मीर में हालात बद से बदतर करने की रणनीति बना रहे हैं। पाकिस्तान एजेंसियों के निर्देश पर काम कर रहे आतंकी गुट कश्मीर में सुरक्षा बलों को ज्यादा से ज्यादा निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज भारत के 70वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘ऐट होम’ का आयोजन किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने गर्मजोशी भरे माहौल में हंसी-मजाक किया। इससे कुछ घंटे पहले ही ठाकुर ने प्रधानमंत्री के लाल किले से संबोधन में न्यायपालिका द्वारा सामना की जा रही समस्याओं का जिक्र नहीं किये जाने पर असंतोष जाहिर किया था। समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, उनकी पत्नी सलमा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा, केंद्रीय मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राजनयिक कोर के सदस्यों सहित विभिन्न शख्सियतें मौजूद थीं। वायु सेना के 97 वर्षीय मार्शल अर्जन सिंह भी मौजूद थे। राष्ट्रगान बजाए जाने के बाद राष्ट्रपति मुखर्जी राष्ट्रपति भवन में नवनिर्मित समारोह हॉल में बनाए गए मंच पर अपनी सीट संभालने के पहले अतिथियों से मिलने गए। राष्ट्रपति का कार्यकाल अगले साल जुलाई में खत्म हो रहा है। आम तौर पर मुगल गार्डेन के इर्द गिर्द होने वाला ‘ऐट होम’ का आयोजन स्थल भारी बारिश के कारण पिछले साल के कार्यक्रम में हुई आपाधापी को देखते हुए सेरेमोनियल हॉल में स्थानांतरित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी हॉल के पास अतिथियों से हाथ मिलाते, शुभकामनाएं देते नजर आए। स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन के लिए उन्हें तारीफ भी मिली।

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