नई दिल्ली: सरकार की इच्छा का सम्मान कर मार्च-अप्रैल की सैलरी नहीं काटने वाली इंडिगो एयरलाइंस अब मई से अपने सीनियर कर्मचारियों की सैलरी काटेगी। इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। दत्ता ने एक ईमेल के माध्यम से कर्मचारियों को बताया कि कंपनी मई, जून और जुलाई में 'लिमिटेड ग्रेडेड लीव विदाउट पे' सिस्टम लागू करने जा रही है। बता दें कोरोनावायरस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए 25 मार्च से भारत में लॉकडाउन है। लॉकडाउन की वजह से भारतीय विमानन उद्योग के राजस्व में भारी गिरावट आई है।
दत्ता ने कहा, "हमने कर्मचारियों को मार्च और अप्रैल की पूरी सैलरी दी, लेकिन अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। मई 2020 से मूल रूप से घोषित वेतन कटौती को लागू करना है।" बता दें इंडिगो ने 19 मार्च को अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए वेतन कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद इसने 23 अप्रैल को सरकार की इच्छा बताकर कटौती का फैसला वापस ले लिया था। दत्ता ने कहा, "वेतन के बिना यह छुट्टी कर्मचारी समूह के आधार पर 1.5 दिनों से लेकर 5 दिनों तक होगी। ऐसा करते समय, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे कर्मचारियों की एक बहुत बड़ी संख्या लेवल ए में है, उन पर कोई असर नहीं पड़े।"
दत्ता ने 19 मार्च को घोषणा की थी कि कोरोना वायरस महामारी और बंद को देखते हुए एयरलाइन अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने जा रही है और वह स्वयं 25 प्रतिशत कम वेतन लेंगे। उन्होंने कहा था, ''वह स्वयं 25 प्रतिशत कम वेतन लेंगे जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एसपीवी) और उसके ऊपर के अधिकारी 20 प्रतिशत, उपाध्यक्ष (वीपी) और चालक दल (कॉकपिट) के सदस्य 15 प्रतिशत कम वेतन लेंगे।
25,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान: क्रिसिल
क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और उसके बाद लागू किए गए लॉकडाउन के चलते घरेलू विमानन उद्योग को चालू वित्त वर्ष के दौरान कमाई में 24,000-25,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो सकता है। क्रिसिल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के परिवहन एवं रसद के निदेशक और प्रैक्टिस लीडर जगन्नारायण पद्मनाभन ने कहा कि विमानन कंपनियां सबसे बुरी तरह प्रभावित होंगी और कुल हानि में इनकी हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक (करीब 17,000 करोड़ रुपये) होगी। ---पटरी पर आने में विमानन उद्योग को 6-8 तिमाही का वक्त लगेगा उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा परिचालकों को 5,000-5,500 करोड़ रुपये और हवाई अड्डे पर खुदरा विक्रताओं को 1,700-1,800 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। क्रिसिल का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय विमानन उद्योग को 24,000-25,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान होगा। उद्योग की वृद्धि दर पिछले दस वर्षों के दौरान औसतन प्रतिवर्ष 11 प्रतिशत रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य विमानन केंद्रों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता में यात्रा रोक लंबे समय तक जारी रही तो नुकसान बहुत अधिक होगा। साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक महामारी से पहले के स्तर पर वापस आने में विमानन उद्योग को 6-8 तिमाही का वक्त लगेगा। पद्मनाभन ने कहा कि ये शुरुआती अनुमान है और अगर लॉकडाउन पहली तिमाही से आगे बढ़ता है तो नुकसान कहीं अधिक हो सकता है।