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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ कर्ज वितरण समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए समीक्षा बैठक की और कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वृहत आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज क्रियान्वित करने को कहा। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए हुई। सरकार के हाल में 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा और रिजर्व बैंक की नीतिगत दर में कटौती समेत नए राहत उपायों के एलान को देखते हुए यह बैठक महत्वपूर्ण थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत घोषित योजनाओं में से कई को बुधवार को मंजूरी दे दी।

मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा कि, 'वित्त मंत्री सीतारमण की आत्मनिर्भर भारत के तहत घोषित योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए सभी पीएसबी के साथ समीक्षा बैठक हुई। सभी इस बात से सहमत थे कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) और अन्य ग्राहकों की जरूरतों को तुरंत समाधान करने की आवश्यकता है। जल्दी ही योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर ब्योरा जारी किया जाएगा।'

नई दिल्ली: होम लोन, पर्सनल लोन, वाहन कर्ज की ईएमआई चुका रहे लोगों के लिए आरबीआई ने फिर राहत दी है। अब जून, जुलाई और अगस्त की अपनी ईएमआई चाहें तो होल्ड कर सकते हैं। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ने से मोरोटॉरियम और दूसरी राहते तीन महीने तक और बढ़ाई जा रही हैं। अब ईएमआई देने पर राहत 1 जून से 31 अगस्त तक के लिए बढ़ाई जा रही है।

दरअसल आरबीआई को यह निर्णय इसलिए करना पड़ा कि लॉकडाउन के जारी रहने से लोगों की आय का फ्लो ​फिर से सुचारू नहीं हो पाया है। लोग ईएमआई मॉरेटोरियम की मौजूदा 31 मई तक की अवधि के खत्म होने के बाद मौजूदा परिस्थिति में अपना कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं होंगे। इसलिए मॉरेटोरियम को और तीन माह तक बढ़ाना पड़ा। यह कर्ज लेने वालों और बैंकों दोनों के लिए इस मुश्किल वक्त में मददगार रहेगा।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से जंग के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक बार फिर रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट व ब्याज दर में कटौती की है। इतना ही नहीं, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज (शुक्रवार) मीडिया ब्रीफिंग के दौरान अनुमान जताते हुए कहा कि 2020-21 में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) नेगेटिव में जा सकती है। उन्होंने कहा, '2020-21 में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है। मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है। कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा। डब्ल्यूटीओ के मुताबिक, वैश्विक व्यापार 13 से 32 फीसदी तक घट सकता है।'

उन्होंने आगे कहा, 'रेपो रेट को कम किया जा रहा है। आरबीआई ने 40 आधार अंक की कटौती की है। अब रेपो रेट चार फीसदी हुआ। मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण अत्यधिक अनिश्चित है। आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35 प्रतिशत कर दिया है। यह उम्मीद की जाती है कि राजकोषीय और प्रशासनिक उपायों से 2020-21 की दूसरी छमाही में गति मिलेगी।' रेपो रेट में कटौती से उम्मीद की जा रही है कि अब लोन सस्ते हो सकते हैं।

नई दिल्ली: लॉकडाउन के चौथे चरण में केंद्र सरकार ने फ्लाइट सर्विस शुरू करने का फैसला किया है। 25 मई से देश के विभिन्न एयरपोर्ट से उड़ाने भरी जाएंगी। आपको बता दें कि आपकी यात्रा लॉकडाउन के पहले जैसी नहीं रहेंगी। सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई सारे दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही साथ डीजीसीए ने हवाई किराए की सात श्रेणी भी जारी कर दी है। 40 मिनट से कम समय में यात्रा पूरी होने वाली उड़ानों के लिए किराए की निचली सीमा 2000 रुपए और अधिकतम सीमा 6000 रुपए होगी। 40 से 60 मिनट में यात्रा पूरी होने वाली उड़ानों के लिए किरायों की निचली और ऊपरी सीमा क्रमश: 2,500 रुपए और 7,500 रुपए होगी।

डीजीसीए के मुताबिक, 60 से 90 मिनट की अवधि वाली उड़ानों के लिए किरायों की निचली और ऊपरी सीमा क्रमश: 3,000 रुपए और 9,000 रुपए होगी। 90 से 120 मिनट की अवधि वाले उड़ानों जैसे कि दिल्ली से मुंबई का किराया 3500 से लेकर 10 हजार रुपए के करीब होगा। 120 से 150 मिनट की अवधि वाले फ्लाइट जैसे कि दिल्ली से बेंगलुरू के लिए आपको 4500 से 13000 रुपए खर्च करने होंगे।

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