ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव अब केवल 4 महीने दूर है तो मोदी सरकार इस महाचुनाव से पहले महंगाई को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। ऐसे में सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला किया है।

डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने इस फैसले को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, प्याज के एक्सपोर्ट पॉलिसी में संशोधन करते हुए उसे फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन का फैसला शुक्रवार 8 दिसंबर, 2023 से लागू हो चुका है। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के मुताबिक 8 दिसंबर 2023 को खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 56.82 रुपये प्रति किलो है। जबकि 8 दिसंबर 2022 को औसतन प्याज की कीमत 28.88 रुपये प्रति किलो थी। एक साल में प्याज की कीमतों में करीब दोगुना (97 फीसदी) उछाल आ चुका है।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 6 दिसंबर को शुरू हुई। आज यानि शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा बैठक में किए गए फैसलों की घोषणा की गई। आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।

लगातार पांचवी बार है जब ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

यह लगातार पांचवी बार है जब ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसका मतलब है कि आपके होम लोन, कार लोन विभिन्न लोन पर की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा। एमपीसी की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है।"

नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मोदी सरकार के अंतरिम बजट से लोकलुभावने घोषणाओं का इंतजार कर रहे लोगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के एक बयान से मायूसी हाथ लगी है। वित्त मंत्री ने कहा आने वाले अंतरिम बजट में सरकार कोई बड़ी घोषणा नहीं करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जुलाई 2024 में पेश होने वाले पूर्ण बजट का इंतजार करना होगा।

करना होगा नई सरकार के गठन का इंतजार

सीआईआई ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम 2023 को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, मैं आपकी उम्मीदें नहीं तोड़ना नहीं चाहती लेकिन एक फरवरी 2024 को पेश हो वाला बजट केवल वोट ऑन अकाउंट है। नई सरकार के गठन होने तक सरकार के खर्च को पूरा करने के लिए अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है। इसमें कोई बड़ी घोषणाएं नहीं होने जा रही है। आपको इसके लिए आम बजट के बाद का इंतजार करना होगा। वित्त मंत्री एक फरवरी 2024 को पेश होने वाले अंतरिम बजट में किसी बड़ी घोषणा किए जाने से इंकार कर रही हैं।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की अगले साल होने वाले आम चुनाव 2024 से पहले लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं है। यह बयान वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने दिया है।

दरअसल, अतीत में आम चुनाव से पहले केंद्र सरकारें अपने कर्मियों, सशस्त्रबल कर्मियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को लुभाने के लिए वेतन आयोगों के गठन या उनकी सिफ़ारिशों को लागू करने को असरदार औज़ार की तरह इस्तेमाल करती रही हैं। वर्ष 2013 के सितंबर माह में, कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा आम चुनाव 2014 से कुछ ही माह पहले, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 7वां वेतन आयोग गठित किया था।

बहरहाल, बीजेपी ने ऐसे किसी भी कदम से परहेज़ किया है और उसके स्थान पर नई पेंशन योजना की समीक्षा पर फोकस किया है। जो राज्यों और केंद्र सरकार के नए कर्मचारियों के लिए विवाद का विषय बन चुकी है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख