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नई दिल्ली: अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। इसके तहत डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल इनकम टैक्स रिटर्न का प्रोसेसिंग टाइम 2013-14 के 93 दिन से घटकर सिर्फ 10 दिन रह गयी है।

बता दें कि टैक्सपैयर्स सरकार से अंतरिम बजट में इनकम टैक्स छूट सीमा में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि फिलहाल इनकम टैक्स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी गई है।

इससे पहले वर्ष 2020 में आम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ओल्ड टैक्स रिजीम के साथ-साथ इनकम टैक्स एक्ट की धारा 115बीएसी के तहत न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव का एलान किया था। जिसके तहत इनकम टैक्स की स्लैब बदल दी गई थीं और दरें भी घटा दी गई थीं।

नए इनकम टैक्स रिजीम के तहत टैक्स रिबेट की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया था।

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले 10 साल में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। अपने कार्यों के दम पर हमें उम्मीद है कि सरकार को फिर से मजबूत जनादेश मिलेगा। देश ने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों पर काबू पाया, आत्मनिर्भर भारत की नींव तैयार की। संरचनात्मक सुधारों, जन-हितैषी कार्यक्रम और रोजगार के अवसरों ने अर्थव्यवस्था में नया जोश भरने में मदद की।

मुफ्त राशन से 80 करोड़ लोगों की खाने की चिंता खत्म हुई

वित्तमंत्री ने आगे कहा कि पंच प्रण ने अमृतकाल के लिये मजबूत बुनियाद तैयार की है, हम 2047 तक विकसित भारत के लिए काम कर रहे हैं। सामाजिक न्याय हमारी सरकार का मॉडल... गरीब, महिला, युवा, अन्नदाता पर विशेष ध्यान है। पीएम-स्वनिधि से 78 लाख रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को लाभ मिला, पीएम विश्वकर्मा योजना ने भी लाभांवित किया। मुफ्त राशन से 80 करोड़ लोगों की खाने की चिंता खत्म हुई।

नई दिल्लीः बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। चुनावी साल होने के कारण इस बार सरकार अंतरिम बजट 2024 पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करेंगी, ये उनका अपना पहला अंतरिम बजट होगा। बजट से पहले 24 जनवरी को वित्त मंत्रालय के ऑफिस (नॉर्थ ब्लॉक) में ‘हलवा सेरेमनी‘ हुई।

‘हलवा सेरेमनी‘ दशकों से बजट के साथ जुड़ी एक परंपरा है। इस परंपरा में बजट की छपाई से पहले वित्त मंत्रालय में एक बड़ी सी कड़ाही में ‘हलवा‘ बनाया जाता है। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट तैयार करने वाले अधिकारियों को खुद परोसा। इस सेरेमनी में सीतारमण के साथ ही वित्त राज्य मंत्री डॉ. भगवत कराड भी मौजूद रहे।

कहा जाता है कि किसी अच्छे काम की शुरुआत से पहले मुंह मीठा करना चाहिए, ऐसा करने से काम में अड़चनें नहीं आती और ये तय समय पर पूरा हो जाता है। बजट पेश करने से पहले ‘हलवा सेरेमनी‘ को इसी बात से जोड़कर देखा जाता है।

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में कमी आने की पूरी संभावना है। इसकी बड़ी वजह यह है कि एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत लगातार 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी हुई हैं, वहीं देश की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी ) ने वर्ष 2023-24 के पहले नौ महीनों में अभी तक का रिकॉर्ड मुनाफा (34,781.15 करोड़ रुपये) कमाया है।

तेल कंपनियों को हो रहा भारी मुनाफा

देश की पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल पर 11 रुपये और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है। अब देखना होगा कि कंपनियां खुदरा कीमतों में एकमुश्त कटौती करती हैं या फिर रोजाना खुदरा कीमतों में बदलाव करने की पुरानी नीति पर लौटती हैं।

सात अप्रैल, 2022 के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। वर्ष 2022 के शुरुआत में यूक्रेन विवाद की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें काफी अस्थिर रही थीं और जुलाई, 2022 में इसकी कीमत 114 डॉलर प्रति बैरल तक गई थीं।

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