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येरूशलम: मीडिल ईस्ट में लगातार जंग के बीच दिन-ब-दिन हालात बदतर होते जा रहे हैं। इस बीच आईडीएफ ने दावा किया है कि उन्होंने हमास के उत्तरी गाजा यूएवी कमांडर महमूद अल-मबौह को मार गिराया है। उसने इजरायल के सुरक्षा बलों और लोगों पर ड्रोन हमले का निर्देश दिया था। आईडीएफ के मुताबिक उन्होंने जबालिया और राफा में ड्रोन हमले किए, जिसमें 50 से अधिक हमास आतंकवादी मारे गए।

शरणार्थी शिविरों पर बमबारी

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि गाजा के आठ ऐतिहासिक शरणार्थी शिविरों में से सबसे बड़े जबालिया के अल-फलूजा के पास इजरायली गोलीबारी में कम से कम 17 लोग मारे गए। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा दक्षिण गाजा में पूर्वी खान यूनिस के बानी सुहैला शिविर में 10 अन्य लोग मारे गए।

इससे पहले मंगलवार को एक इजरायली हवाई हमले में गाजा शहर के सबरा में तीन घर तबाह हो गए। इजरायल की सेना बीते 10 दिनों से जबालिया को निशाना बना रही है ओर उत्तरी क्षेत्र में लौट रही है।

नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ 23वें समिट में शिरकत करने पाकिस्तान पहुंचे हैं। इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्टूबर को यह समिट हो रही है। इस बहुपक्षीय बैठक पर जितनी नज़र है, उससे ज़्यादा चर्चा इस बात पर है कि क्या इस समिट के बहाने भारत और पाकिस्तान के बीच की बर्फ कुछ पिघलेगी? इस चर्चा का आधार बस इतना है कि 2015 के बाद पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया है। हालांकि, एस जयशंकर साफ कर चुके हैं कि वो एससीओ की बैठक के अलावा पाकिस्तान में किसी और एजेंडे के लिए तैयार नहीं हैं। अब पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़ाहरा बलोच ने भी कहा है कि इस बहुपक्षीय बैठक में किसी द्विपक्षीय बातचीत की गुंजाइश नहीं है।

दरअसल, भारत से बातचीत शुरू करने को लेकर पाकिस्तान फिलहाल कभी हां और कभी ना की स्थिति में है। वहां के विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

बेरूत: हिज्बुल्ला की ओर से जारी हमलों का इस्राइल ने जवाब देना जारी रखा है। इस बीच इजरायल ने लेबनान की राजधानी गाजा में एयरस्ट्राइक और जमीनी अभियान में भी तेजी दिखाई है। सोमवार को इजरायली सेना ने उत्तरी लेबनान में एक अपार्टमेंट बिल्डिंग को निशाना बनाया। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई। बताया गया है कि रिहायशी इमारत में कई लोग रहते थे। ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ने के आसार हैं। लेबनान के रेड क्रॉस ने यह जानकारी दी।

इस घटना पर इस्राइली सेना की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यह भी साफ नहीं है कि इजरायल ने इस हमले में किसे निशाना बनाया। हालांकि, जिस आइतो गांव की इमारत पर हमला हुआ, वह इसाई बहुल क्षेत्र है और हिज्बुल्ला संगठन के दक्षिण और पूर्व में स्थित केंद्रों से काफी दूर है।

इस बीच इजरायल ने हमास के खिलाफ गाजा पट्टी में भी हमले जारी रखे हैं। कुछ घंटों पहले ही इजरायली सेना की तरफ से गाजा पट्टी पर शरणार्थियों के कैंप हुए हमले में चार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, दो दर्जन से अधिक लोग बुरी तरह झुलस गए।

नई दिल्ली: कनाडा के भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या की जांच से जोड़े जाने पर भारत ने सख्त रुख अपनाया है। भारत कनाडा में मौजूद अपने उच्चायुक्त, लक्षित अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुला रहा है। यह फैसला कनाडा के बेतुके और हास्यास्पद नए आरोपों के बाद किया गया है।

इससे पहले भारत ने कनाडा के उप उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को तलब कर कड़ी नाराजगी दर्ज कराई और दोटूक कहा कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को बेबुनियाद निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हमें कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर मौजूदा ट्रूडो सरकार की प्रतिबद्धता पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। साथ ही चेताया था कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाने की कनाडा सरकार की नई कोशिशों के जवाब में अब भारत के पास आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने राजनीतिक फायदे के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम कर रहे हैं। भारत और कनाडा के बीच निज्जर की हत्या से उत्पन्न तनाव की स्थिति और बदतर हो गई है।

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