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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कहा है कि भारत सिंधु जल समझौते को एकतरफा तोड़ नहीं सकता क्योंकि दोनों के लिए यह बाध्यकारी है और इससे निकलने का प्रावधान इसमें नहीं है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘सिंधु जल समझौता (आईडब्ल्यूटी) कालातीत नहीं है और समय या घटना प्रधान नहीं है। यह भारत और पाकिस्तान दोनों पर बाध्यकारी है और बाहर निकलने का प्रावधान नहीं है।’ जकरिया ने कहा कि आईडब्ल्यूटी के अनुच्छेद-12 के उपबंध तीन और चार के मुताबिक समझौते से एकतरफा फेरबदल नहीं हो सकता या रद्द नहीं हो सकता। दोनों देशों के बीच गहराते तनाव के बीच भारत के समझौता रद्द करने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को भारतीय दावों का संज्ञान लेना चाहिए जो कि समझौते के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं और प्रतिज्ञा का उल्लंघन है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हालात पर करीब से नजर रखे हुए है और उसी के हिसाब से प्रतिक्रिया देगा। तिब्बत में ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी को चीन के बाधित करने के एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि वह इससे अवगत नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने खबरें देखी है। आप ज्यादा विवरण के लिए चीन सरकार से संपर्क कर सकते हैं।’

ओस्लो: कोलंबिया में पांच दशक से चले आ रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के कोलंबियाई राष्ट्रपति जुआन मैनुएल सांतोस के प्रयासों को मान्यता देते हुए आज उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई। इस पुरस्कार की घोषणा से कुछ ही दिन पहले कोलंबिया में एक जनमत संग्रह हुआ था। इसमें मतदाताओं ने सांतोस द्वारा पिछले माह एफएआरसी के प्रमुख रोड्रिगो लंदनो उर्फ तिमोलियन ‘तिमोचेंको’ जिमेनेज के साथ की गई ऐतिहासिक संधि को नकार दिया था। उन्होंने यह संधि चार साल तक चली वार्ताओं के बाद की थी। इन सबके बीच सांतोस को पुरस्कार दिये जाने की घोषणा पर विशेषज्ञ आश्चर्य जता रहे हैं। समिति की अध्यक्ष कासी कुलमेन फाइव ने कहा, ‘नॉर्वे की नोबेल समिति ने वर्ष 2016 का नोबेल शांति पुरस्कार कोलंबियाई राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सांतोस को देने का फैसला किया है। सांतोस को यह पुरस्कार उनके देश में 50 साल से भी अधिक समय से चले आ रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के उनके प्रयासों के लिए दिया जा रहा है।’ संधि पर 26 सितंबर को हस्ताक्षर किया गया था और दो अक्तूबर के जनमत संग्रह के बाद इस संधि को लागू किया जाना था लेकिन आश्चर्यजनक रूप से संधि को मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला, जिस कारण देश के भविष्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गयी। यह घोषणा नोबल पुरस्कारों पर नजर रखने वाले लोगों के लिए अप्रत्याशित है क्योंकि अधिकतर विशेषज्ञों का मानना है कि जनमत संग्रह के परिणामों से कोलंबिया के शांति पुरस्कार हासिल करने की संभावना लगभग खत्म हो गयी थी। नार्वे की नोबेल समिति ने कहा कि उनका लक्ष्य युद्ध प्रभावित देश में शांति प्रयासों को बढ़ावा देना है।

वाशिंगटन: पहली बार पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे के हल को अफगानिस्तान से जोड़ते हुए कहा है कि शांति के लिए दोनों विषयों का हल जरूरी है और उन्हें अलग अलग करके नहीं देखा जा सकता। कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष दूत सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने यहां कहा कि जब आप शांति की बात करते हैं तब काबुल में शांति का रास्ता कश्मीर से होकर जाता है। आप शांति को एक दूसरे से अलग नहीं कर सकते। काबुल में शांति हो और कश्मीर जलता रहे, ऐसा नहीं होने जा रहा। उन्होंने वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक स्टिमसन सेण्टर में चर्चा के दौरान कहा कि आप (अमेरिका) एक व्यापक शांति समझौते की बात करते हैं, इसलिए दक्षिण एशिया के लोगों को अतीत की शत्रुता का बंधक नहीं बनने दें। उन्हें आगे बढ़ने दीजिए। सैयद पाकिस्तान सीनेट की रक्षा और रक्षा उत्पाद समिति के अध्यक्ष भी हैं। उनके साथ शेजरा मनसब भी थी जो पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली की सदस्य भी हैं। मनसब ने कहा, ‘इस बार हमारा मुख्य मुद्दा कश्मीर है और यदि मुद्दा नहीं सुलझाया जाता है तो क्षेत्र में कोई शांति स्थापित नहीं हो सकती। यह कोई आंतरिक समस्या नहीं है।

सोल: उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थल के हालिया उपग्रहीय चित्रों के विश्लेषण से पता चला है कि इसके तीनों सुरंग परिसरों में गतिविधियां बढ़ गई हैं जिससे इन अटकलों को बल मिला है कि देश अगले सप्ताह होने वाले अहम राजनैतिक कार्यक्रम के मौके पर फिर से परमाणु परीक्षण कर सकता है। उत्तर कोरिया इस साल पहले ही जनवरी और सितंबर में दो बार परमाणु परीक्षण कर चुका है। विश्लेषकों का कहना है कि जैसे ही सरकार आदेश देगी, यह तीसरा परमाणु परीक्षण करने में भी सक्षम है। देश में पहले भी परमाणु परीक्षण और मिसाइल प्रक्षेपण अक्सर महत्वपूर्ण राजनीतिक तारीखों के साथ ही हुए हैं। सितंबर का परमाणु परीक्षण उत्तर कोरिया के स्थापना दिवस के मौके पर किया गया था। अब सोमवार को मौका मौजूदा सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की 71वीं सालगिरह का है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अमेरिका-कोरिया संस्थान की 38 नॉर्थ वेबसाइट ने कहा है कि एक अक्टूबर की उपग्रह के तस्वीरों से पता चला है कि देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से के पंगी-री परीक्षण स्थल में गतिविधियां बढ़ गई है। वेबसाइट के अनुसार नौ सितंबर को हुए परमाणु परीक्षण स्थल पर गतिविधियां बढ़ गई हैं। यह कई कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि स्थल से परमाणु परीक्षण के बाद के आंकडें इकट्ठा किए जा रहे हों, पोर्टल को बंद किया जा रहा हो या फिर अन्य परीक्षण की तैयारी की जा रही हो।

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