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इस्‍लामाबाद: मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद को कोसने के बाद पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सांसद खुद अपने ही बयान से पीछे हटते दिख रहे हैं। गुरुवार को नवाज की पार्टी पीएमएलएन के सांसद राणा मोहम्मद अफजल ने पीएम से पूछा था कि आखिर हाफिज सईद हमें ऐसे कौन से अंडे देता है, जो हम उसे पाल-पोस रहे हैं? ऐसे संगठनों पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से पाक को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बार-बार शर्मिंदा होना पड़ रहा है। हालांकि बाद में अखबार ‘द डॉन’ से अफजल ने कहा कि उन्होंने हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं की थी। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ यह बताना चाहते थे कि भारत हाफिज सईद के मुद्दे का फायदा उठाकर पाकिस्तान को ब्लैकमेल कर रहा है। अगर उससे पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं हो रहा है, तो हम उसका समर्थन क्यों कर रहे हैं। इससे पहले गुरुवार को नेशनल असेंबली की विदेशी मामलों की समिति की बैठक में पाक के अलग-थलग पड़ने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी, जिसमें मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद पर कार्रवाई नहीं करने का मुद्दा भी उठा। सांसद राणा ने बैठक में कहा कि हमारी विदेशी नीति की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हम हाफिज सईद जैसे लोगों को खत्म नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा, ‘विदेशों में बार-बार हाफिज सईद को लेकर सवाल पूछे जाते हैं। हाल में फ्रांस की यात्रा के दौरान भी मुझे ऐसे सवालों से रू-ब-रू होना पड़ा।’ राणा ने आगे कहा कि भारत हमेशा सईद के नाम पर पाकिस्तान को दुनियाभर में बदनाम कर रहा है।

इसलिए पाक सरकार को इन संगठनों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए जो देश की बेइज्जती करा रहे हैं। इससे पहले पाकिस्तान में हुई सर्वदलीय बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री और पीएम नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ दो टूक कह चुके हैं कि सुरक्षा बल परदे के पीछे रहकर आतंकियों को आजाद कराने की मुहिम चला रहे हैं। पाकिस्तान में विपक्ष के नेता एतजाज एहसन भी आतंकियों को पनाह देने के मामले पर सरकार की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकेला पड़ गया है क्योंकि यहां ‘नॉन-स्टेट एक्टर’ आजाद घूमते हैं।’ पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों से परेशान स्थानीय निवासी गुरुवार को विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। मुजफ्फराबाद, चिनारी, मीरपुर, गिलगिट और नीलम घाटी में लोगों ने आतंकी कैंपों के खिलाफ मार्च निकाला था। हाफिज सईद के खिलाफ राणा मोहम्मद अफजल के बयान के बाद इस आतंकी के समर्थक तिलमिला गए हैं। सोशल मीडिया पर ‘आईएमहाफिजसईद’ हैशटैग के साथ जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना को समाज सेवक के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही सांसद अफजल की भी आलोचना करने में लगे हुए हैं।

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