ओस्लो: कोलंबिया में पांच दशक से चले आ रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के कोलंबियाई राष्ट्रपति जुआन मैनुएल सांतोस के प्रयासों को मान्यता देते हुए आज उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई। इस पुरस्कार की घोषणा से कुछ ही दिन पहले कोलंबिया में एक जनमत संग्रह हुआ था। इसमें मतदाताओं ने सांतोस द्वारा पिछले माह एफएआरसी के प्रमुख रोड्रिगो लंदनो उर्फ तिमोलियन ‘तिमोचेंको’ जिमेनेज के साथ की गई ऐतिहासिक संधि को नकार दिया था। उन्होंने यह संधि चार साल तक चली वार्ताओं के बाद की थी। इन सबके बीच सांतोस को पुरस्कार दिये जाने की घोषणा पर विशेषज्ञ आश्चर्य जता रहे हैं। समिति की अध्यक्ष कासी कुलमेन फाइव ने कहा, ‘नॉर्वे की नोबेल समिति ने वर्ष 2016 का नोबेल शांति पुरस्कार कोलंबियाई राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सांतोस को देने का फैसला किया है। सांतोस को यह पुरस्कार उनके देश में 50 साल से भी अधिक समय से चले आ रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के उनके प्रयासों के लिए दिया जा रहा है।’ संधि पर 26 सितंबर को हस्ताक्षर किया गया था और दो अक्तूबर के जनमत संग्रह के बाद इस संधि को लागू किया जाना था लेकिन आश्चर्यजनक रूप से संधि को मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला, जिस कारण देश के भविष्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गयी। यह घोषणा नोबल पुरस्कारों पर नजर रखने वाले लोगों के लिए अप्रत्याशित है क्योंकि अधिकतर विशेषज्ञों का मानना है कि जनमत संग्रह के परिणामों से कोलंबिया के शांति पुरस्कार हासिल करने की संभावना लगभग खत्म हो गयी थी। नार्वे की नोबेल समिति ने कहा कि उनका लक्ष्य युद्ध प्रभावित देश में शांति प्रयासों को बढ़ावा देना है।
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