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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सख्त रुक अख्तियार किया है। सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर पराली जलाने वालों पर जुर्माने की राशि 2 गुना कर दी है।

2 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों पर अगर पराली जलाने का मामला बनता है, तो उन्हें 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा, जबकि दो एकड़ से 5 एकड़ तक वाले किसानों को पराली जलाने का दोषी पाए जाने पर 10000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसी तरह 5 एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों को यह जुर्माना 30000 तक भुगतना पड़ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया था निर्देश

पिछले कुछ सालों में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली के आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जाती है, जिसका नुकसान दिल्ली और एनसीआर के लोगों को उठाना पड़ रहा। दिल्ली में स्मॉग चैंबर बनने की वजह के पीछे पराली जलाने को भी माना जा रहा था।

नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे के मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। 2005 में दिए फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से मना कर दिया था। इसके खिलाफ एएमयू की अपील पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई की। 8 दिन चली सुनवाई के बाद बेंच ने 1 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था।

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2006 में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, 2016 में एनडीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार इस बारे में अपनी 10 साल पुरानी अपील वापस लेगी। सरकार की तरफ से अपील वापस लेने के बावजूद विश्वविद्यालय और एएमयू ओल्ड ब्वॉयज़ एसोसिएशन की याचिका लंबित रही। दोनों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह 1968 में अज़ीज़ बाशा मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से चलना चाहती है।

नई दिल्ली: दीवाली खत्म हुए एक हफ्ता हो गया है लेकिन प्रदूषण का असर किसी भी तरह से कम होते हुए नहीं दिख रहा है। दिल्ली की आवो-हवा में घुला जहर लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से ही दिल्ली एनसीआर गैस चैंबर बनी हुई है। हालात इतने खराब है कि कुछ जगहों पर एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर में हालात बेहद खराब होते हुए नजर आ रहे हैं। प्रदूषण के मामले में राजधानी सबसे प्रदूषित 10 शहरों में पहले नंबर पर आ गई है। गुरुवार सुबह दिल्ली इस सूची में पहले नंबर पर है। यहां का एक्यूआई 355 दर्ज किया गया।

डेटा के मुताबिक आनंद विहार का एक्यूआई गुरुवार सुबह 425 बना हुआ है जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। वहीं वजीरपुर के हालात भी बहुत ही खराब हैं। यहां सुबह एक्यूआई 428 रहा।

द्वारका सेक्टर 8 में भी प्रदूषण से बुरा हाल है. सुबह 6 बजे एक्यूआई 368 पहुंच गया। अलीपुर में भी हवा की गुणवत्ता 386 के साथ बहुत ही खराब दर्ज की गई है।

नई दिल्ली: राजधानी के लोगों को आने वाले कई दिनों तक प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। बीते कई दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब श्रेणी में बरकरार है। हवा की गति लगातार कम होती जा रही है, जो हवा में जहर घोलने का काम कर रही है। बुधवार को एक्यूआई 352 रहा, जोकि बेहद खराब श्रेणी में है। इसमें मंगलवार के मुकाबले 21 अंकों की कमी दर्ज की गई। सुबह आसमान में हल्की स्मॉग की चादर छाई नजर आई।

आखों में जलन, सांस लेना भी मुश्किल

प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है। इसके अलावा दृश्यता में भी गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को 6:30 बजे सफदरजंग में दृश्यता 800 मीटर दर्ज की गई। वहीं, राजधानी में द्वारका एनएसआईटी सर्वधिक प्रदूषित रहा। यहां एक्यूआई लगभग 450 दर्ज किया गया। पांच इलाकों की हवा गंभीर श्रेणी में रही। एनसीआर में दिल्ली के बाद गुरुग्राम सर्वाधिक प्रदूषित रहा। दिल्ली की हवा समग्र रूप से बेहद खराब श्रेणी में बनी रही।

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