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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): आधार बिल 2016 को शुक्रवार को लोकसभा में धनसंबंधी विधेयक की तरह पारित कर दिया गया है। संसद के निचले सदन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खासा बहुमत है, इसलिए विपक्ष ने राज्यसभा के महत्व को कम करने की साज़िश का आरोप लगाया है। दरअसल, अगर कोई विधेयक धनसंबंधी विधेयक के रूप में लोकसभा द्वारा पारित किया जाता है, तो संसद का उच्च सदन अथवा राज्यसभा उस पर केवल चर्चा कर सकती है, उसमें संशोधन नहीं कर सकती। इसके अलावा राज्यसभा को धनसंबंधी बिल पर चर्चा भी तुरंत करनी पड़ती है, क्योंकि यदि राज्यसभा में पेश किए जाने के 14 दिन के भीतर चर्चा नहीं होती है, तो उसे 'पारित मान' लिया जाता है। विपक्ष का कहना है कि सरकार राज्यसभा को 'अनावश्यक' बनाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वहां वह अल्पमत में है, और उनके लिए बिलों को पारित कराना कठिन है। विधेयक के संबंध में लोगों की गोपनीयता सार्वजनिक होने और दुरूपयोग किये जाने की कुछ सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य आम लोगों, गरीबों तक कल्याण योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): श्रीश्री रविशंकर की संस्था (ऑर्ट ऑफ लिविंग) की ओर से शुक्रवार से आयोजित होने वाले विश्व सांस्कृतिक समारोह को लेकर आज (शुक्रवार) को संसद में हंगामा हुआ। गौरतलब है कि दिल्ली में यमुना नदी के डूब क्षेत्र में इस भव्य कार्यक्रम के लिए मंच पूरी तरह सज चुका है, लेकिन राज्यसभा में आज कांग्रेस और जेडीयू ने इस आयोजन को लेकर सवाल उठाए। दूसरी ओर, श्रीश्री रविशंकर ने कहा है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपये का जुर्माना वह अदा नहीं करेंगे चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े। विपक्ष ने आज राज्यसभा में वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल का मुद्दा उठाया। वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल पर कांग्रेस-जेडीयू ने सवाल उठाते हुए जुर्माने का मुद्दा भी उठाया। जेडीयू के शरद यादव और कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा राज्यसभा में उठाया। गुरुवार को भी यमुना के खादर में श्रीश्री रविशंकर के ‘आर्ट ऑफ लीविंग’ फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे एक निजी सांस्कृतिक आयोजन के लिए सेना का उपयोग किए जाने को लेकर सरकार की खिंचाई करते हुए राज्यसभा में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने कहा कि यमुना के पारिस्थिति की एवं बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील खादर में यह आयोजन एक पर्यावरण आपदा है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से आयोजित होने वाला विश्व सांस्कृतिक समारोह का आज (शुक्रवार) शाम भव्य आगाज हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले रिमझिम बारिश हुई। 11 मार्च से 13 मार्च तक चलने वाले इस तीन दिवसीय समारोह में 35 लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार एवं सांस्कृतिक नृत्य के साथ हुई। यमुना किनारे 1050 विद्वानों ने विश्वशांति एवं पर्यावरण से जुड़े वेद मंत्रों का पाठ किया। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की। मंच पर विभिन्न देशों से आए अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत के समय बारिश के साथ ओले भी गिरे। लेकिन भव्य माहौल में लोग मौसम का भी आनंद लेते नजर आए। आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के 35 साल पूरे होने पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये भारतीय संस्कृति को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत किया जाएगा। तीन दिवसीय इस भव्य कार्यक्रम में 155 से ज्यादा देशों से लोगों के शिरकत करने की संभावना है। इससे पहले हुए विवाद में श्रीश्री की संस्था ने एनजीटी की तरफ से लगाए गए जुर्माने में से 25 लाख रुपए जमा कर दिए हैं।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने शुक्रवार को आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से यमुना किनारे उसके डूब क्षेत्र पर आयोजित किए जा रहे विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का समर्थन किया और इस आयोजन से जुड़े विवादों को खारिज करते हुए कहा कि इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। ट्वीटों की एक श्रृंखला में नायडू ने कहा कि यह कार्यक्रम सांस्कृतिक विविधताओं का उत्सव है और यह ‘भारत को प्रसिद्धि दिलाएगा।’ उन्होंने सेना की ओर से पीपे के पुल बनाए जाने को लेकर की जा रही आलोचना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसे कई उदाहरण है जब कुंभ जैसे भारी जनसम्मेलन वाले आयोजनों में सेना की मदद ली गई। नायडू ने ट्वीट किया, ‘सेना द्वारा पीपे के पुल बनाए जाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है। कुंभ मेला, नासिक में संक्रांति जैसे कई उदाहरण हैं जैसे जहां सेना ने ऐसा ही कार्य किया है।’ उन्होंने कहा कि इसमें एक ही कार्यक्रम में 36,000 कलाकार प्रस्तुति दे रहे हैं और यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह विविधताओं का उत्सव मनाने वाला एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है। आईए उत्सव मनाएं और इस महोत्सव में शामिल हों।’

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