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मुंबई: एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने बुधवार को प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान कहा कि कलाकारों को ''कहानियां प्रस्तुत करना'' मुश्किल हो रहा है और आरोप लगाया कि सरकार देशद्रोह कानून और यूएपीए प्रावधानों का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रही है। बनर्जी ने तीन दिवसीय मुंबई दौरे के दौरान बुधवार को नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत की। स्वरा भास्कर ने कहा, एक राज्य है, जो यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) और देशद्रोह के आरोपों को भगवान के ''प्रसाद'' की तरह बांट रहा है।''

सोशल मीडिया पर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखने वाली अभिनेत्री ने कहा, ''कलाकारों को आज कहानियां सुनाने में बहुत प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने प्रतिरोध को जीवित रखने के लिए अपनी आजीविका और करियर को जोखिम में डाला है।'' उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथी समूहों ने हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी, अदिति मित्तल, अग्रिमा जोशुआ को निशाना बनाया जबकि फारूकी ने एक महीने जेल में (कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए) बिताया है।

मुंबई: बेबाक बयानों के लिए बदनाम बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में उनके खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। सिख समुदाय के अमरजीत सिंह संधू की शिकायत पर कंगना के खिलाफ ये एफआईआर दर्ज की गई है। खार पुलिस ने 295 (ए) के तहत कंगना रनौत पर ये मामला दर्ज किया है। सिखों के एक संगठन ने कंगना रनौत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए सोमवार को मुंबई में एक शिकायत दर्ज कराई थी।

इसमें आरोप लगाया गया है कि अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। खार पुलिस थाना के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) से एक शिकायत प्राप्त हुई और वह इस पर गौर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अकाली दल के नेता एवं डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

मुंबई: शिवसेना ने शनिवार को मांग की कि '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी' की टिप्पणी करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत से सभी राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान वापस ले लिये जाएं। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' में लिखे संपादकीय में कहा गया है कि कंगना ने जो कहा है कि वो 'देशद्रोह' है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई 24 सेकेंड की एक क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है। '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।' रनौत पिछले दिनों एक समाचार चैनल के एक कार्यक्रम में बोल रही थीं और उनकी इस टिप्पणी के बाद मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने तालियां भी बजाईं।

महाराष्ट्र में ‘महा विकास आघाड़ी' सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना ने कहा, ‘मोदी सरकार को कंगना से सभी राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लेने चाहिए।' भाजपा पर प्रहार करते हुए उसकी पूर्व सहयोगी पार्टी ने आरोप लगाया कि कंगना की टिप्पणी से भाजपा का ‘नकली राष्ट्रवाद' बिखर गया है। पार्टी के मुखपत्र के संपादकीय में कहा गया है, ‘कंगना से पहले किसी ने भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इस तरह से अपमान नहीं किया था।

नई दिल्ली: अभिनेत्री कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’’ और ‘‘जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली'’ जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई।

पहले भी विवादास्पद बयान देती रहीं कंगना अपने इस बयान से एक बार फिर विवाद में पड़ गयी हैं। आम आदमी पार्टी ने मुंबई पुलिस में आवेदन दाखिल कर कंगना के खिलाफ ‘राजद्रोह पूर्ण और भड़काऊ’ बयान के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं एवं अन्य लोगों ने बुधवार शाम को एक कार्यक्रम में दिये गये अभिनेत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 504, 505 और 124ए के तहत कार्रवाई के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘शांति भंग करने के मकसद से जानबूझकर अपमान।’’

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