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नई दिल्ली: कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने कहा है कि इस तरह की कोई भी कटौती तभी हो सकती है जब व्यक्तिगत आयकर में अच्छी वृद्धि दर्ज होने लगेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग आयकर देने लगेंगे। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि कंपनी कर में एक प्रतिशत कटौती करने से राजस्व में 18,000 से 19,000 करोड़ रुपये की कमी आती है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने फरवरी 2015 में पेश बजट में कॉरपोरेट कर दर को चार साल में 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। हालांकि, इसके साथ ही यह भी कहा गया कि कंपनियों को दी जाने वाली तमाम तरह की रियायतों और छूट को भी धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा। राजस्व सचिव ने बजट बाद उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस बारे में कई मुद्दे उठाये गये कि हमारे देश में कंपनी कर की दर वैश्विक लिहाज से प्रतिस्पर्धी नहीं है। विशेषतौर से हम अपनी अमेरिका के साथ नहीं बल्कि चीन के साथ तुलना करते रहे हैं। अमेरिका में यह 40 प्रतिशत है, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं। चीन के साथ तुलना करते हुये यह कहा जाता रहा कि कापरेरेट कर को घटाकर 25 प्रतिशत किया जाना चाहिये। हमने कहा कि हम यह सबके के लिये करना चाहेंगे लेकिन हमारे समक्ष बजट की अड़चनें हैं। हमारे समक्ष संसाधन पाने की समस्या है।’
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नई दिल्ली: यूनाइटेड ब्रेवरीज (यूबी होल्डिंग्स) के चेयरमैन विजय माल्या के खिलाफ जारी जांच के संबंध में सीबीआई द्वारा कंपनी के दस्तावेज जब्त किए जाने की वजह से कंपनी ने अपने तिमाही परिणाम घोषित करने के लिए 15 मार्च तक का समय मांगा है। शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने कहा कि 18 जनवरी 2017 के तलाशी वारंट के तहत 23 जनवरी को बेंगलुरू में कंपनी के पंजीकृत कार्यालय यूबी टावर्स में एक तलाशी और जब्ती अभियान चलाया गया। कंपनी ने कहा, ‘तलाशी के दौरान सीबीआई ने वित्त, विधि और सचिवालय विभाग से संबंधित दस्तावेज, फाइल और हार्ड डिस्क जब्त कर लिए। इसमें समूह की आम बैठक और निदेशक मंडल की बैठकों से जुड़ा ब्यौरा भी शामिल हैं।’ कंपनी का कहना है कि इसके चलते वह ऐसे वित्तीय आंकड़ों को जुटाने की स्थिति में नहीं है जो परिणाम घोषित करने के लिए जरूरी हैं और इस वजह से वह 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के परिणाम 45 दिन की तय अवधि के भीतर जमा करने की स्थिति में नहीं है। कंपनी ने सेबी को लिखे एक पत्र में उसे तिमाही परिणाम जमा करने के लिए 15 मार्च 2017 तक का समय देने की मांग की है। सेबी के सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा आवश्यकता नियमनों के तहत बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों को तिमाही परिणाम तिमाही समाप्त होने के 45 दिन के भीतर नियामक को सौंपने होते हैं।
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों को बेहिसाब चंदे के प्रवाह पर लगाम लगाने के इरादे से हाल में प्रस्तावित ‘चुनाव बांड’ एक धारक बॉंड होगा और इसे कुछ ही दिन में भुनाना होगा। इन बांड की बिक्री अधिकृत बैंक करेंगे और वैधता अवधि के दौरान ही इन्हें राजनीतिक दलों के अधिसूचित खातों में जमा किया जा सकता है। यह प्रामिसरी नोट की तरह होगा और इस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। बजट बाद एक सत्र में उद्योग मंडलों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि चंदा देने वाले कारपोरेट ऐसे धारक बांड खरीद सकते हैं और बिना अपनी पहचान बताये राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में दे सकते हैं। जेटली ने कहा, ‘प्रत्येक राजनीतिक दल को एक बैंक खाता अधिसूचित करना है। इसी खाते में बांड जमा किया जा सकता है। बहुत कम समय में इसे केवल संबंधित राजनीतिक दल के खाते में ही भुनाया जाएगा। समय अवधि को योजना में अधिसूचित किया जाएगा। इसे कुछ दिनों में ही भुनाना होगा न कि महीनों में।’ बजट में राजनीतिक दलों को नकद चंदा देने की 2,000 रपये की सीमा लगाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि बांड को चैक या ई-भुगतान के जरिये ही खरीदा जा सकता है। ‘इस प्रकार, प्राप्तकर्ता के हाथ में स्वच्छ मुद्रा होगी, चंदा देने वालों के हाथ में कर भुगतान वाला धन होगा।’
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नई दिल्ली: वर्तमान सरकार का ध्यान डिजिटल लेनदेन पर है और सरकार चाहती है कि लोग अधिक से अधिक डिजिटल लेनदेन करे और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ाने में सहयोग करें। इसकी छाप आज पेश किए गए आम बजट में साफ दिखी। सरकार का पूरा ध्यान अपनी डिजिटल योजना को बढ़ाने पर है।अपनी घोषणा में वित्त मंत्री ने कहा कि तीन लाख से अधिक की रकम का भुगतान डिजिटल तरीके से ही किया जा सकेगा। राजनीतिक पार्टियां अब दो हजार रुपये से अधिक का चंदा कैश में नहीं ले सकेंगी। इसके लिए बॉण्ड लाया जाएगा। आधार आधारित लेनदेन भी जल्द शुरू होगी। सरकारी संस्थाओं में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जाएगा। आधार कार्ड आधारित 20 लाख पीयूएस आएंगे। आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्स खत्म कर दी गई है ताकि लोग ऑनलाइन टिकट बुक कराने को प्रोत्साहित हों। इसके अलावा भीम ऐप के इस्तेमाल करने वालों के लिए उन्होंने रेफरल स्कीम की भी घोषणा की है। कैश बैक स्कीम की भी घोषणा की है।
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