नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों को बेहिसाब चंदे के प्रवाह पर लगाम लगाने के इरादे से हाल में प्रस्तावित ‘चुनाव बांड’ एक धारक बॉंड होगा और इसे कुछ ही दिन में भुनाना होगा। इन बांड की बिक्री अधिकृत बैंक करेंगे और वैधता अवधि के दौरान ही इन्हें राजनीतिक दलों के अधिसूचित खातों में जमा किया जा सकता है। यह प्रामिसरी नोट की तरह होगा और इस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। बजट बाद एक सत्र में उद्योग मंडलों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि चंदा देने वाले कारपोरेट ऐसे धारक बांड खरीद सकते हैं और बिना अपनी पहचान बताये राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में दे सकते हैं। जेटली ने कहा, ‘प्रत्येक राजनीतिक दल को एक बैंक खाता अधिसूचित करना है। इसी खाते में बांड जमा किया जा सकता है। बहुत कम समय में इसे केवल संबंधित राजनीतिक दल के खाते में ही भुनाया जाएगा। समय अवधि को योजना में अधिसूचित किया जाएगा। इसे कुछ दिनों में ही भुनाना होगा न कि महीनों में।’ बजट में राजनीतिक दलों को नकद चंदा देने की 2,000 रपये की सीमा लगाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि बांड को चैक या ई-भुगतान के जरिये ही खरीदा जा सकता है। ‘इस प्रकार, प्राप्तकर्ता के हाथ में स्वच्छ मुद्रा होगी, चंदा देने वालों के हाथ में कर भुगतान वाला धन होगा।’
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक चंदा अब नकद में आना बंद हो गया है लेकिन यह अभी कम है।