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नई दिल्ली: केन्द्र सरकार अगले वित्तवर्ष से राशन की दुकानों के जरिये बिक्री की जाने वाली चीनी के लिए राज्यों को 18.50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दी जाने वाली सब्सिडी (राजसहायता) नहीं प्रदान करेगी तथा सरकार ने पहले के दावों के निपटान के लिए बजट में केवल 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। संसद में पेश किये गये वर्ष 2017-18 के केन्द्रीय बजट में सरकार ने पीडीएस चीनी सब्सिडी योजना के तहत बकाया दावों के भुगतान के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया है जबकि चालू वित्तवर्ष के लिए बजट आवंटन 4,500 करोड़ रुपये है। मौजूदा योजना के अनुसार राज्य सरकारें सार्वजनिक वितरण प्रणाली (राशन की दुकानों) के लिए चीनी खुले बाजार से थोक दर से खरीदती हैं और उसे प्रतिकिलो 13.50 रुपये की सब्सिडी प्राप्त दर पर बेचती है।
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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का बजट संसद में पेश किया गया। भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश किया गया। नोटबंदी के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें इस बजट में राहत मिलेगी। हर बार की तरह इस बार भी बजट के बाद कुछ चीजें महंगी हुई और कुछ चीजें सस्ती हुईं। आइए जानें कि इस बार बजट में सरकार ने कौन सी चीजें सस्ती की और कौन सी चीजें महंगी। सस्ता- पवन चक्की, आरओ, पीओएस, पार्सल, लेदर का सामान, सोलर पैनल,प्राकृतिक गैस, निकेल, बायोगैस, नायलॉन, रेल टिकट खरीदना, सस्ता घर देने का प्रयास, टैक्स में मध्यम वर्ग को राहत देने का प्रयास, भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा टैक्स मुक्त होगा, छोटी कंपनियों को टैक्स में राहत, 50 करोड़ तक सालाना टर्न ओवर वाली कंपनियों को 25% टैक्स पहले 30% था, 2 करोड़ तक टर्न ओवर वाली कंपनियों पर 6% टैक्स लगेगा पहले से 2% कम हुआ। इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई। 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 लाख से 5 लाख तक आमदनी पर 5% लगेगा, 5 से 10 लाख की आय पर 20% टैक्स लगेगा, 10 लाख से ऊपर आय पर 30% टैक्स लगेगा। स्टार्ट अप के लिए टैक्स रियायतें लेने के नियमों में राहत। सौर उर्जा बैटरी और पैनल के विनिर्माण में काम आने वाले सोलर टैम्पर्ड ग्लास को सीमा शुल्क से छूट।
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नई दिल्ली: कालेधन के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में आगामी एक अप्रैल, 2017 से तीन लाख रुपये से अधिक के सभी प्रकार के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया। जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एक सीमा से अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध कालेधन पर घटित विशेष जांच दल (एसआईटी) की सिफारिशों के आधार पर लगाया जा रहा है। एसआईटी का गठन उच्चतम न्यायालय ने किया था। उन्होंने कहा कि तीन लाख रुपये से अधिक के सभी प्रकार के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध होगा। न्यायमूर्ति एमबी शाह (सेवानिवृत्त) की अगुवाई वाली एसआईटी ने कालेधन पर अंकुश के कदमों पर अपनी पांचवीं रिपोर्ट जुलाई में उच्चतम न्यायालय को सौंपी थी। एसआईटी ने तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन को प्रतिबंधित करने का सुझाव देते हुए कहा था कि इस तरह के लेनदेन को गैरकानूनी तथा कानून के तहत दंडात्मक बनाने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए।
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नई दिल्ली: आर्थिक तंत्र में नए नोट डालने की प्रक्रिया पूरी होने पर अर्थव्यवस्था के तीव्र वृद्धि के रास्ते पर लौट जाने के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने मंगलवार को कहा कि यह काम एक-दो महीने में पूरा हो जायेगा और उसके बाद आर्थिक वृद्धि गति पकड़ने लगेगी। सुब्रमणियम ने कहा कि भारत में हुई नोटबंदी ‘मौद्रिक इतिहास में अपने आप में एक अनूठा प्रयोग रहा है और इसके ऊपर पांच साल बाद 50 से 100 पीएचडी के बराबर लेख लिखे जा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि आम धारणा के विपरीत नकदी की तंगी नवंबर माह में दिसंबर के मुकाबले कम गंभीर रही। उल्लेखनीय है कि सरकार ने आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि असंगठित क्षेत्र पर नोटबंदी का अल्पकालिक असर पड़ा है लेकिन इसके दीर्घकालिक लाभ की संभावनायें काफी ऊंची हैं। अरविंद सुब्रमणियम बजटपूर्व आर्थिक समीक्षा संसद में पेश किये जाने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 500, 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य करने से वित्तीय बचत बढ़ेगी और इससे भ्रष्टाचार कम होने की संभावना है। भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में कम होकर 6.5 प्रतिशत रह जाने का अनुमान लगाया गया है। नोटबंदी की वजह से आर्थिक गतिविधियों पर पड़े असर की वजह से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.5 प्रतिशत अंक का नुकसान होने का अनुमान है।
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