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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद बचत खाताधारकों के लिए सबसे राहत वाली खबर आई है। वे 13 मार्च से अपने खातों से मनचाही राशि निकाल सकेंगे। साथ ही नोटबंदी के बाद विभिन्न खातों से निकासी पर लगी सभी प्रकार की सीमाएं समाप्त हो जाएंगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 8 फरवरी को चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक समीक्षा पेश करते हुए इसकी घोषणा की थी। उस समय बचत खातों से निकासी की साप्ताहिक अधिकतम सीमा 24 हजार थी, जिसे 20 फरवरी से 50 हजार रुपये किया गया था। चालू खातों, ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट खातों से निकासी की सीमा 30 जनवरी को ही समाप्त कर दी गई थी। साथ ही एक फरवरी से एटीएम से निकासी की सीमा भी समाप्त हो गई थी, लेकिन बचत खातों पर साप्ताहिक निकासी की सीमा बरकरार रहने से ऐसे खाताधारकों के लिए एटीएम से पैसे निकालने पर सीमा जारी है। नोटबंदी के बाद आरबीआई ने पर्याप्त मात्र में नए नोट बैंकों तथा एटीएम में पहुंचने से पहले नकद निकासी की सीमा तय कर दी थी। जैसे-जैसे नए नोटों की आपूर्ति और अर्थव्यवस्था में उनका प्रचलन बढ़ता जा रहा है, आरबीआई नकद निकासी पर लगी सीमाओं में ढील देता जा रहा है, जबकि 13 मार्च से इन्हें पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद महंगाई बढ़ने की आशंका जताते हुए डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाए जाने की आवश्यकता पर शुक्रवार को बल दिया। उसने साथ ही कहा कि अर्थव्यवस्था पर कुछ समय के लिए पड़ा नोटबंदी का प्रतिकूल असर काफी हद तक पहले ही समाप्त हो चुका है। रिजर्व बैंक के एक पत्र ने नोटबंदी के व्यापक आर्थिक प्रभाव’ पर एक प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा कि 15.6 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के 1000 एवं 500 के नोट चलन से बाहर हो गए लेकिन अभी उस करेंसी का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका है जो बैंकिंग प्रणाली में वापस आई है क्योंकि यह प्रक्रिया अभी जारी है। रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर असर पड़ा है। हालांकि इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसका प्रतिकूल असर कुछ समय के लिए ही था। जो नवंबर-दिसंबर में महसूस किया गया. रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी का असर फरवरी के मध्य से कम होना शुरू हो गया। बैंकिंग प्रणाली में नई करेंसी आने के साथ नोटबंदी का असर अब कम होना शुरू हो गया है।

नई दिल्ली: अपने क्रेडिट कार्ड के जरिये मोबाइल वॉलेट में पैसा स्थानांतरित करने वाले पेटीएम के उपयोगकर्ताओं को अब इसके लिए दो प्रतिशत का शुल्क देना होगा। वहीं अन्य वालेट कंपनी मोबिक्विक ने कहा है कि इस मामले में उसके उपयोक्ताओं को फिलहाल ऐसा कोई शुल्क नहीं देना होगा। मोबाइल वालेट कंपनी मोबिक्विक ने कहा कि उसके उपयोक्ता क्रेडिट कार्ड सहित अन्य माध्यमों से अपने वालेट में पैसा नि:शुल्क डालते रह सकते हैं कंपनी इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगा रही। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद नकदी रहित लेनदेन को बढावा देने के सरकार के प्रयासों के तहत कंपनी ने वालेट में पैसा डालने पर लगाने वाले शुल्कों को समाप्त कर दिया था। कंपनी ने आज एक बयान में दोहराया कि यह छूट जारी रहेगी.कंपनी का कहना है कि उसके मंच से 5.5 करोड़ उपयोक्ता व 14 लाख मर्चेंट जुड़े हैं। वहीं अलीबाबा के समर्थन वाली पेटीएम का कहना है कि उसके संज्ञान में यह तथ्य आया है कि उसके प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने वाले बहुत से लोग क्रेडिट कार्ड के जरिये अपने मोबाइल वॉलेट में पैसा डालकर मुफ्त में ऋण की सुविधा लेते हैं। इस पैसे को वे बाद में अपने बैंक खाते में डाल लेते हैं। इस पर उन्हें कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। पेटीएम ने यह शुल्क कल से लगाना शुरू किया है।

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कालाधन रखने वालों से कर माफी योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत ईमानदारी से आय का खुलासा करने को कहा है। साथ ही यह चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर 77.25 प्रतिशत कर और जुर्माने के साथ अभियोजन का सामना करना पड़ सकता है। विभाग ने प्रमुख समाचारपत्रों में दिये विज्ञापनों में कहा है, ‘उंगलियों के निशान की तरह आपका कालाधन हमें आपके पास पहुंचा सकता है।’ विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘ऐसी अघोषित आय का खुलासा नहीं करने पर जुर्माना, अभियोजन और प्रवर्तन की कार्रवाई सहित 77.25 की दर से कर, अधिभार तथा उपकर लगाया जाएगा।’सरकार ने पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) पेश की थी। इसके तहत जिनके पास बेहिसाब नकद या बैंक खातों अथवा डाकघरों में जमा है, वे उसकी घोषणा कर कर सकते हैं और उन्हें 49.9 प्रतिशत कर तथा जुर्माना देना होगा। साथ ही अघोषित आय का एक चौथाई हिस्सा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जमा योजना के तहत चार साल के लिये बिना ब्याज वाले खाते में जमा करना होगा। कर विभाग ने विज्ञापन में कहा है, ‘आयकर विभाग के पास आपकी अघोषित आय और संपत्ति की जानकारी है। आप प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 31 मार्च 2017 तक अपनी अघोषित आय और परिसंपत्तियों के बारे में पूर्ण तथा सही घोषणा कर गरीबों की सहायता करें।

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