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मुंबई: एक मजिस्ट्रेट अदालत ने शुक्रवार (17 मार्च) को यहां सेवाकर चूक मामले में कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैरजमानती गिरफ्तारी वारंट और प्रत्यर्पण आदेश जारी किया। अदालत ने माल्या के मालिकाना किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व सीईओ संजय अग्रवाल के खिलाफ भी गैरजमानती वारंट जारी किया। सेवाकर विभाग के वकील अद्वैत सेठना ने कहा कि एसप्लानाडे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट, जिसे विदेश मंत्रालय द्वारा निष्पादित किया जाएगा तथा प्रत्यर्पण आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माल्या पर अब तक विभाग का सौ करोड़ रुपया बकाया है। वकील ने कहा कि भारत की ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि है जहां माल्या के ठहरे होने की संभावना है और इसलिए अदालत के आदेश को संबंधित प्राधिकारों द्वारा निष्पादित किया जा सकता है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को महंगाई भत्ता व महंगाई राहत को दो प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया। यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2017 से प्रभावी होगी और इससे 48.85 लाख सरकारी कर्मचारियों व 55.51 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता तथा पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने का फैसला किया गया।’ बयान के अनुसार यह बढोतरी एक जनवरी 2017 से प्रभावी होगी। इसके अनुसार महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में मूल वेतन, पेंशन के दो प्रतिशत की मौजूदा दर के ऊपर दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत स्वीकृत फार्मूले के अनुसार ही है। इसमें कहा गया है कि महंगाई भत्ते, महंगाई राहत में इस बढ़ोतरी का फायदा 48.85 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 55.51 लाख पेंशनभोगियों को होगा। इस वृद्धि से सरकारी खजाने पर कुल मिलाकर 5,857.28 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वित्त वर्ष 2017-18 में 14 माह की अवधि (जनवरी 2017 से फरवरी 2018 तक) के लिये कुल 6,833.50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। केन्द्र सरकार कर्मचारी परिसंघ ने इस वृद्धि को वास्तविक मूल्य वृद्धि के मुकाबले मामूली बताया। कर्मचारी परिसंघ के मुताबिक औद्योगिक कर्मचारियों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक वास्तविकता से परे हैं।

नई दिल्ली: अनाज और ईंधन महंगे होने से थोक मुद्रास्फीति (महंगाई) की दर फरवरी में उछल कर 6.55% हो गई। यह इसका 39 माह का उच्चतम स्तर है। जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 5.25% थी। आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में मुख्य रूप से अनाज, चावल और फलों के दामों में तेज उछाल से खाद्य वर्ग की मुद्रास्फीति 2.69% पर पहुंच गयी। जनवरी में खाद्य वर्ग में थोक भाव सालाना आधार पर 0.56% कम हुए थे। इसी तरह ईंधन वर्ग की मुद्रास्फीति फरवरी में 21.02 प्रतिशत पर पहुंच गयी जबकि जनवरी में यह 18.14% थी। सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक के दिसंबर के संशोधित आंकड़ों के आधार पर उस माह की मुद्रास्फीति 3.68% कर दी है। प्रारंभिक आंकड़ों में इसे 3.39% बताया गया था।

 

 

नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे के लेखा अधिकारियों की ओर से ‘गंभीर खामियों’ का उल्लेख किया है। इस वजह से रेलवे के लेखे जेखो में गलत वर्गीकरण और दूसरी गलतियों के कई मामले सामने आए हैं। रेलवे द्वारा इन गलतियों को सुधारने के कई आश्वासनों के बाद भी कैग ने 2010-11 से 2014-15 के दौरान उसके खातों में गलत वर्गीकरण के कई मामले पाए हैं। गलत वर्गीकरण से तात्पर्य गलत मद में आय या व्यय वर्गीकरण से है। लेखों में गलतियों में लेनदेन का लेखा नहीं करना, खातों में देरी से समायोजना और कुछ गैर अधिकृत मदों को दर्शाना है। अपनी ताजा रपट में कैग ने लोक लेखा समिति (पीएसी) के निष्कर्षों का भी जिक्र किया है जिसमें बार-बार इन गलतियों पर आपत्ति जताई गई है। पीएसी की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कैग ने कहा है कि रेलवे को गलत वर्गीकरण के मामलों को नीचे लाने के लिए तंत्र बनाया चाहिए, क्योंकि ये न केवल लेखा प्रणाली में खामियों को दर्शाते हैं बल्कि लेखा अधिकारियों की ओर से गंभीर लापरवाही को भी दिखाते हैं। समीक्षा के दौरान कैग ने व्यय की गलत गणना के 64 मामलों का जिक्र किया है.इन मामलों में 53.47 करोड़ रूपये की राशि शामिल है।

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