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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अनधिकृत तरीके से अवकाश पर चल रहे अधिकारियों तथा आयकर विभाग के अन्य कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों की पहचान के लिए एक समिति का गठन किया है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सीबीडीटी ने एक आदेश में कहा कि तीन सदस्यीय समिति विभाग में काम कर रहे सभी अधिकारियों की एकबारगी गिनती करेगी और भारतीय राजस्व सेवा के समूह ए के उन अधिकारियों की पहचान करेगी जो अभी अनधिकृत रूप से अवकाश पर हैं या गायब हैं। समिति के प्रमुख अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अधिकारी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर विभाग के निर्णय लेने वाले निकाय द्वारा यह कदम इस बात के संज्ञान में आने के बाद उठाया गया है कि पिछले दो साल में एक दर्जन से अधिक मामलों की जांच की गई और अधिकारियों को बर्खास्त किया गया।

नई दिल्ली: कृषि से होने वाली आय पर कर लगाने की कुछ राजनीतिक दलों की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया कि ‘‘कृषि आय पर आयकर नहीं लगता है और न ही लगने वाला है।’’ अरूण जेटली ने वित्त विधेयक 2017 पर लोकसभा में हुई चर्चा का आज (बुधवार) जवाब देते हुए कहा, ‘‘ कृषि आय पर आयकर नहीं लगता है और न ही लगने वाला है। कृषि के उपर आयकर लगाने का अधिकार कंेद्र सरकार के हाथ में ही नहीं है।’’ उन्होंने कई बार इस बात को दोहराया और विपक्ष को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘‘ यह भ्रम पैदा करना कि कृषि आय पर आयकर लगाने का प्रावधान किया गया है , पूरी तरह गलत है। आयकर अधिनियम के सेक्शन दस के तहत स्पष्ट है कि कृषि पर आयकर नहीं लगेगा।’’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ यह संसद के विधायी अधिकार से ही बाहर है।’’ उन्होंने कहा कि यह तो राज्य का विषय है। हालांकि बीजू जनता दल के भृतुहरि मेहताब ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने पर कृषि आय को भी जोड़ने का प्रावधान है आनलाइन फार्म में है और यह प्रावधान कृषि आय को आयकर के दायरे में लाता है। बीजद ने वित्त मंत्री के जवाब से असंतोष जताते हुए सदन से वाकआउट किया।

नई दिल्ली: सरकार के नए फैसले के बाद अब पैन कार्ड बनवाने और इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। इससे पहले गैस सब्सिडी लेने के लिए नियमों में बदलाव किया था जिसमें उपभोक्ता को अपने आधार कार्ड को बैंक अकाउंट से लिंक करवाना था। इसके बाद सब्सिडी उसके अकाउंट में जाएगी। बैंकों ने भी अपने खाताधारकों को आधार से लिंक करने के सख्त निर्देश दिए। बैंकों ने साफ कर दिया था कि अगर 31 मार्च तक आधार कार्ड लिंक न होने पर खातों से लेनदेन बंद किया जा सकता है। इस बारे में केंद्र सरकार ने बैंकों को निर्देश जारी किए गए। खाताधारकों को 31 मार्च तक यह प्रक्रिया आवश्यक रूप से पूरी कर लेने का निर्देश दिया गया है। आधार कार्ड से व्यक्ति की पहचान आखों की रेटीना, अंगुलियों और अंगूठे के निशान से की जाती है। बैंक खातों में एक बार आधार कार्ड संख्या दर्ज होने पर उन्हें एक पोर्टल पर लाना बेहद आसान हो जाएगा।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सहारा समूह को आगाह किया कि यदि उसने वायदे के मुताबिक 17 अप्रैल तक 5,092.6 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए, तो उसकी पुणे में अंबे वैली की 39,000 की प्रमुख संपत्ति नीलामी की जाएगी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने न्यूयार्क के प्लाजा होटल में सहारा की हिस्सेदारी 55 करोड़ डॉलर में लेने की इच्छा जताने वाली अंतरराष्ट्रीय रीयल एस्टेट कंपनी को निर्देश दिया है कि वह अपनी सही मंशा को दिखाने के लिए शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के बजाय सेबी-सहारा रिफंड खाते में 750 करोड़ रुपये जमा कराए। न्यायालय की इस पीठ में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए के सीकरी भी शामिल हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘यदि वायदे के मताबिक तय समयसीमा में यह पैसा जमा नहीं कराया गया, तो हम सहारा की अंबे वैली परियोजना की नीलामी करेंगे।’ उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले धन की वसूली के लिए सहारा समूह की इस प्रमुख संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही सहारा समूह से दो सप्ताह में उन संपत्तियों की सूची देने को कहा है जिन पर किसी तरह की देनदारी नहीं है और जिन्हें सार्वजनिक नीलामी के लिए रखा जा सकता है तकि निवेशकों को लौटाए जाने वाले मूल धन के शेष 14,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई जा सके। निवेशकों से जुटायी गयी मूल राशि 24,000 करोड़ रुपए है जिसे लौटाया जाना है। यह पैसा सेबी-सहारा खाते में जमा कराया जाना है।

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