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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है कि जीपीएफ भविष्य निधि (जीपीएफ) से पैसा निकालने के नियमों में ढील दी गई है जिसके तहत अब उन्हें 15 दिन में पैसा मिल जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारी अब खास काम से अपने जीपीएफ का पैसा दस साल की नौकरी पूरा होने के बाद निकाल सकेंगे। पहले यह सीमा 15 साल थी.जीपीएफ से अब पैसा प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के लिए और सभी संस्थानों हेतु निकाला जा सकेगा। इससे पहले केवल उच्च स्कूल स्तर पर ही जीपीएफ से पैसा निकाला जा सकता था। मंत्रालय ने इस बारे में एक आदेश जारी किया है। इसके अनुसार,‘अंशधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के निवारण के लिए नियमों में समय समय पर संशोधन किए जाते हैं। हालांकि प्रावधान मोटे तौर पर प्रतिबंधात्मक ही रहते हैं। प्रावधानों में ढील और प्रक्रिया को सरल बनाने की जरूरत महसूस की जा रही थी।’ मंत्रालय ने केंद्र विभाग के सभी विभागों को भेजे आदेश में यह जानकारी दी है। बदले निमयों के तहत,‘ 12 महीने के वेतन या कुल अंशदान की तीन चौथाई राशि (जो भी कम हो) के निकासी की अनुमति देने का फैसला किया गया है। बीमारी के मामले में अंशधारक के खाते की कुल राशि की 90 प्रतिशत तक राशि की निकासी की जा सकेगी। अंशधारक सेवा के 10 साल पूरे होने के बाद निकासी कर सकता है। ’ जीपीएफ से राशि की निकासी टिकाउ उपभोक्ता सामान खरीदने के लिए भी की जा सकती है।

मौजूदा नियमों में यह तय नहीं था कि आवेदक को राशि का भुगतान कितने दिन में किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा है,‘ जीपीएफ से धन निकासी के आवेदन को मंजूरी व राशि के भुगतान के लिए 15 दिन की समयावधि तय की गई है। बीमारी या अन्य आपात स्थिति में यह सीमा घटाकर सात दिन भी हो सकती है। इसके साथ ही कर्मचारियों को जीपीएफ से पैसा निकालने के लिए अब कोई पूरक साक्ष्य नहीं देना होगा बल्कि एक स्वघोषणा ही देनी होगा। फिलहाल एक साल के भीतर सेवानिवृत्त हो रहे कमर्चारियों को अपने जीपीएफ से 90 प्रतिशत तक राशि निकालने की अनुमति है। इस अवधि को बढाकर दो साल करने का प्रस्ताव है। इसी तरह मोटर कार, मोटरसाइकिल व स्कूटर आदि वाहनों की खरीद या इस उद्देश्य से लिए गए ऋण को चुकाने के लिए भी जीपीएफ से पैसा निकाला जा सकता है।

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