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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली: सिर्फ 1590 रुपये का डिजिटल पेमेंट और ईनाम एक करोड़ का. सच में ऐसा हुआ है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक ग्राहक को सरकार की डिजिटल भुगतान को लोकप्रिय बनाने की मुहिम का जबरदस्त लाभ हुआ। उसके डिजिटल माध्यम से किए गए 1590 रुपये के एक भुगतान को लकी ड्रा योजना में एक करोड़ रुपये का इनाम मिला है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां राष्ट्रपति भवन में डिजिटल भुगतान संवर्धन योजना के तहत इस प्रोत्साहन योजना का 100वां ड्रा निकालकर विजेताओं को चुना। उन्होंने इस इनामी योजना के छह विजेताओं को बधाई दी। इसमें तीन ग्राहक और तीन दुकानदार हैं। सरकार ने दोनों के लिए लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना शुरू की थी। इसमें ग्राहक श्रेणी में पहला एक करोड़ रुपये का पुरस्कार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक, दूसरा 50 लाख रुपये का पुरस्कार बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहक और तीसरा 25 लाख रुपये का पुरस्कार पंजाब नेशनल बैंक के एक ग्राहक को मिला है। इन तीनों ने अपने रुपे डेबिट कार्ड से भुगतान किया था। हालांकि अभी विजेताओं के नाम की घोषणा नहीं की गई है सिर्फ इनके द्वारा किए गए लेनदेन की जानकारी दी गई है। इनकी पहचान इनके कार्ड के नंबर से मिलान के बाद की जाएगी। इसी तरह तीन दुकानदारों को भी 50 लाख रुपये, 25 लाख रुपये और 12 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है।

नई दिल्ली: देश में दस रूपये के विभिन्न प्रकार के सिक्कों पर जनता के बीच भ्रम की स्थिति को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोई भी सिक्का अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं। ये समय समय पर जारी किये गये अलग अलग डिजाइनों के सिक्के हैं। बैंक का कहना है कि शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, बीच में संख्या में ‘10’ लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित अन्य सभी सिक्के मान्य हैं। केन्द्रीय बैंक के अनुसार इन सिक्कों को विभिन्न विशेष मौकों पर जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि दस रूपये के सिक्कों के लेनदेन को लेकर लोगों के बीच अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि दस पत्ती वाला वही सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ शेर का अशोक स्तंभ अंकित है। केन्द्रीय बैंक के एक अधिकारी ने इस संबंध में ‘भाषा’ से बातचीत में स्पष्ट किया गया कि दस रूपये के सभी सिक्के वैध हैं। कॉरपोरेट मामलों के वकील शुजा ज़मीर ने कहा, ‘‘भारत की वैध मुद्रा को लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 :1: के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है। इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है।’’

नई दिल्ली: संसद द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली पारित किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को इसे जन विरोधी बताया और कहा कि इस प्रणाली को जिस तरह कांग्रेस चाहती थी, यह वैसी नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने यहां मीडिया से कहा, "हम जिस जीएसटी को चाहते थे, यह वह नहीं है। "उन्होंने कहा, "हम एक पूर्ण जीएसटी चाहते थे। जबकि एक आम आदमी विरोधी कानून बनाया गया है ।" उन्होंने इसके लागू होने के बाद व्यापारियों, किसानों और अन्य को होने वाली संभावित समस्याओं का जिक्र किया। सिब्बल ने कहा, "हम महंगाई को नीचे लाना चाहते थे, लेकिन मौजूदा जीएसटी उस दिशा में मददगार नहीं होगी। क्योंकि इसमें कर प्रतिशत दर बहुत ऊंची है।" कांग्रेस ने फिर संसद में इसका विरोध क्यों नहीं किया? सिब्बल ने कहा कि पार्टी इसके कुछ प्रावधानों पर चिंता जाहिर कर रही थी, लेकिन इसे चूंकि एक धन विधेयक के रूप में पेश किया गया, लिहाजा इसमें बहुत कुछ नहीं किया जा सकता था। कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा में बहस में हिस्सा लेते हुए कम ब्याज दर का सुझाव दिया था और कहा था कि सरकार इसे धन विधेयक के रूप में पेश न करे। गौरतलब है कि बहुप्रतीक्षित केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक, एकीकृत जीएसटी विधेयक, मुआवजा जीएसटी विधेयक ओर केंद्र शासित क्षेत्र जीएसटी विधेयक 2017 राज्यसभा में गुरुवार को पारित हो गया और उसे लोकसभा को भेज दिया गया।

नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो से अपनी 303 रुपये के न्यूनतम भुगतान के जरिये असीमित डाटा इस्तेमाल और मुफ्त कॉल की प्रोत्साहन पेशकश को वापस लेने का निर्देर्श दिया है। कुछ दिन पहले ही जियो ने कहा था कि उसके पास अब भुगतान करने वाले 7.2 करोड़ उपभोक्ता हो गए हैं। साथ ही कंपनी ने एकबारगी 99 रुपये का भुगतान कर अपने सदस्यता कार्यक्रम प्राइम को 15 दिन बढ़ाकर 15 अप्रैल करने की घोषणा की थी। रिलायंस जियो ने कहा है कि वह ट्राई के फैसले को स्वीकार करती है और नियामक की सलाह के पूर्ण अनुपालन की प्रक्रिया में है। इससे पहले ट्राई को जियो की मुफ्त डाटा और वॉयस सेवा की प्रोत्साहन पेशकश को विस्तार देने में कुछ गलत नहीं मिला था। इसके जरिये जियो 10 करोड़ ग्राहक बनाने में कामयाब रही थी। इनमें से 7.2 करोड़ ग्राहकों ने पेड सेवाओं का विकल्प चुना है। रिलायंस जियो की तरफ से ग्राहकों को कहा गया था की जो ग्राहक किसी भी कारण से 31 मार्च तक प्राइम मेंबरशिप नहीं ले पाए, वो अब 15 अप्रैल तक 99 रुपए देकर प्राइम मेंबरशिप ले सकते हैं। इसके बाद वो जरूरत के मुताबिक 303 रुपए का प्लान या कंपनी का कोई भी दूसरा प्लान ले सकते हैं। 31 मार्च तक प्राइम मेंबरशिप ले चुके यूजर्स को भी रिलायंस ने एक तोहफा दिया था। अब उन्हें 1 अप्रैल को ही अपना पहला रीचार्ज नहीं कराना था।

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