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काहिरा: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने रविवार को बताया कि मिस्र ने गाजा में दो दिवसीय युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य कुछ फलस्तीनी कैदियों के लिए चार इजरायली बंधकों की अदला-बदली है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव में इजरायली बंधकों की रिहाई के अलावा 10 दिनों की बातचीत भी शामिल है। पिछले हफ्ते इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार ने इसे इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा कैबिनेट में प्रस्तुत किया था। अधिकांश मंत्रियों और सुरक्षा अधिकारियों ने इस विचार का समर्थन किया, जबकि वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने इसका विरोध किया।

इजरायली बंधकों की रिहाई के बदले रखी ये शर्त

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस प्रस्ताव को मतदान के लिए न रखने का प्रस्ताव चुना। उन्होंने रोनेन बार को बातचीत के लिए मिस्र वापस भेज दिया। इजरायली मीडिया ने बताया कि हमास ने मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार करने की इच्छा जताई।

तेल अवीव: इजरायल और ईरान में तनातनी शनिवार (26 अक्टूबर, 2024) को तब और बढ़ गई, जब इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर 'सटीक और टारगेटेड हमले' करने का एलान किया। अब इजरायली रक्षा बलों ने ट्वीट किया, "हिज़्बुल्लाह के बिंट जेबिल क्षेत्र के कमांडर अहमद जाफर मटोक को भारतीय वायुसेना के हमले में मार गिराया गया। एक दिन बाद, भारतीय वायुसेना ने बिंट जेबिल क्षेत्र में उनके उत्तराधिकारी और हिज़्बुल्लाह के तोपखाने के प्रमुख को भी मार गिराया।"

आईडीएफ ने बताया कि हिजबुल्लाह के बिंट जेबिल क्षेत्र के कमांडर अहमद जाफर मटोक को वायुसेना के हमले में मार गिराया गया। एक दिन बाद, आईएएफ ने बिंट जेबिल क्षेत्र में उनके उत्तराधिकारी और हिजबुल्लाह के तोपखाने के प्रमुख को भी मार गिराया। इन तीनों आतंकवादियों ने बिंट जेबिल क्षेत्र से कई आतंकवादी हमलों का निर्देशन और संचालन किया, जिसमें दक्षिणी लेबनान में कार्यरत इजरायली नागरिकों और आईडीएफ सैनिकों पर टैंक रोधी मिसाइलों को दागना भी शामिल था।

तेल अवीव: इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शनिवार को ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर 'सटीक और टारगेटेड हमले' सफलतापूर्वक पूरा करने की घोषणा की। इसके साथ ही तेहरान को चेतावनी दी कि अगर उसने तनाव बढ़ाने की गलती की तो जवाब दिया जाएगा। आईडीएफ के अनुसार, शनिवार सुबह इजरायली वायु सेना (आईएएफ) के सहयोग से तीन चरणों में ये हमले किए गए। यह कार्रवाई 1 अक्टूबर को तेहरान बैलिस्टिक मिसाइल अटैक का जवाब थी।

इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने कहा, "आईडीएफ ने अपना मिशन पूरा कर लिया है। अगर ईरानी शासन ने नए सिरे से तनाव बढ़ाने की गलती की, तो हम जवाब देंगे।" साथ ही कहा कि आईएएफ के विमान ऑपरेशन से सुरक्षित वापस आ गए हैं।

आईडीएफ ने कहा, "जो लोग इजरायल को धमकी देते हैं और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आज की कार्रवाई इजरायल राज्य और उसके नागरिकों की आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह से रक्षा करने की हमारी क्षमता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में वार्षिक बहस के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र कर भारत के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया। भारत ने पाकिस्तान के इस प्रयास की निंदा करते हुए दो टूक जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, उस देश का यह प्रयास निंदनीय है, लेकिन इसका पूरी तरह से अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में शामिल होने का विकल्प चुना है।

यूएन में कश्मीर के जिक्र पर भारत का पलटवार

पार्वथानेनी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर महिलाओं की भूमिका पर हो रही महत्वपूर्ण वार्षिक बहस के दौरान राजनीतिक प्रचार में शामिल होना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि उस देश में अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं, विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों की स्थिति दयनीय है।

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