तेल अवीव: गाजा पट्टी में संघर्ष विराम समझौते के तहत चरमपंथी समूह हमास ने गुरुवार तड़के और चार बंधकों के शव सौंप दिये जबकि इजरायल ने सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। संघर्ष विराम के पहले चरण के तहत इजरयली बंधकों को छोड़े जाने और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई की यह अंतिम नियोजित अदला-बदली है। आगे की योजना पर इजरायल और हमास के बीच बातचीत होनी अभी बाकी है।
संघर्ष विराम लागू होने के बाद से कुल मिलाकर 33 इजरायलियों को मुक्त किया गया है। इनमें वे आठ इजरायली भी शामिल हैं जिनके शव सौंपे गए हैं। ये आठों बंधक रखे जाने के दौरान या सात अक्टूबर 2023 को इजरायल पर किये गए हमास के हमले के दौरान मारे गए थे। इससे अलग, पांच थाई बंधकों को भी मुक्त किया गया है। संघर्ष विराम के पहले चरण के दौरान, इजरायल ने बंधकों के बदले में लगभग 2,000 फलस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा किया। हमास के चरमपंथियों ने 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान 251 लोगों का अपहरण कर लिया था और लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी।
वहीं, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गाजा में इजरायली हमलों में 48,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।
बंधकों के विवरण इस प्रकार हैं:
सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमले के दौरान 251 लोगों को बंधक बनाया गया था।सात अक्टूबर के हमले से पहले दो लोग बंधक बनाए गए थे, जो 2014 और 2015 में गाजा में घुसे थे। बंधकों और कैदियों की अदला-बदली या अन्य समझौतों के तहत 147 बंधकों को मुक्त किया गया। इनमें वे आठ व्यक्ति भी शामिल हैं जिनके शव सौंपे गए। अब भी 59 बंधक रखे गए हैं, जिनमें से इजरायल ने 32 को मृत घोषित कर दिया है।
इजराइली सैनिकों ने 41 बंधकों के शव बरामद किए। आठ बंधकों को जीवित बचाया गया। अब भी हमास की गिरफ्त में मौजूद बंधकों में 13 इजरायली सैनिक शामिल हैं, जिनमें से नौ को इजराइल ने मृत घोषित कर दिया है। पांच गैर-इजरायली भी शामिल हैं जिनमें थाईलैंड के तीन, नेपाल और तंजानिया के एक-एक नागरिक शामिल हैं। माना जा रहा है कि इनमें थाईलैंड का और नेपाल का नागरिक जीवित है।