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लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर आज (रविवार) आरोप लगाया कि उसने उत्तर प्रदेश के पिछड़े और ब्राहमण समाज के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में आदित्यनाथ योगी और उनके सहयोगियों के शपथ लेने के तुरंत बाद मायावती ने कहा, ‘वर्तमान में भाजपा ने अपने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के एजेंडे पर चलकर खासकर उत्तर प्रदेश में ओबीसी (अन्य पिछडा वर्ग) और ब्राहमणों के साथ विश्वासघात किया है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने क्षत्रिय समाज के योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया, जबकि इस बार चुनाव में उन्होंने पिछडी जाति से आने वाले भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को आगे कर किसी ना किसी रूप में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देकर ओबीसी वोट बटोरा। चुनावी नतीजे भाजपा के पक्ष में जाने को ईवीएम की गडबडी करार दे चुकीं मायावती ने कहा, ‘ब्राहमण समाज नाराज ना हो तो (भाजपा ने) ये बोल दिया कि मौर्य को आगे कर पिछडों वोट ले लेंगे और फिर ब्राहमण को मुख्यमंत्री बना देंगे। भाजपा ने दोनों को गुमराह किया।’ उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के पास ज्यादा कुछ नहीं होता। मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाने की बजाय योगी अगर कैबिनेट मंत्री बना देते तो एकाध विभाग उन्हें मिल जाता। पिछडों और ब्राहमणों को भाजपा से सावधान रहने की हिदायत देते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा योगी को आगे कर ‘ध्रुवीकरण’ के आधार पर 2019 का लोकसभा चुनाव लडना चाहती है 

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में एक बड़ा ही दिलचस्प नजारा देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने गर्मजोशी के साथ मंच पर मुलाकात की। मंच पर मुलायम और पीएम मोदी की मुलाकात एक नहीं बल्कि दो बार हुई। योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्रियों का जैसा ही शपथ ग्रहण समारोह खत्म हुआ तो पीएम मोदी मंच पर मौजूद अतिथियों से मिलने गए। इस दौरान वहां मौजूद अखिलेश थोड़ा आगे निकल गए। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अखिलेश यादव को बुलाया। अखिलेश यादव जब पीएम मोदी के पास आए तब दोनों ने गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। समझा जाता है कि अखिलेश ने पीएम मोदी को यूपी में जीत के लिए बधाई दी। इस बीच साथ में खड़े मुलायम सिंह यादव ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की और उनको बधाई दी। इसके बाद पीएम मोदी अन्य लोगों से मुलाकात करने लगे। तब मुलायम सिंह यादव एक बार फिर लौटे और पीएम मोदी के साथ हाथ मिलाकर उन्हें फिर से बधाई दी। इस दौरान उन्हें पीएम मोदी से बातचीत भी की। हालांकि चुनावों के दौरान पीएम मोदी और अखिलेश यादव में जो जुबानी जंग देखने को मिली थी।

लखनऊ: शपथ लेने के बाद उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में आद‌ित्यनाथ योगी ने कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा क‌ि कानून व्यवस्था के साथ कोई ख‌िलवाड़ नहीं होने ‌द‌िया जाएगा। उन्होंने कहा, हम बगैर क‌िसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के ल‌िए काम करेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने अपने मंत्र‌ियों को भी ह‌िदायत दी की अनाप-शनाप और जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान न दें। सीएम ने अपने मंत्र‌ियों को 15 दिन में संपत्ति की घोषणा करने का भी न‌िर्देश द‌िया। सीएम ने कहा, समाज के गरीब, दल‌ित और प‌िछड़े वर्गों के कल्याण के ल‌िए व‌िशेष काम क‌िए जाएंगे। उन्होंने कहा, मह‌िलाओं की सुरक्षा, सशक्त‌िकरण और उनके सम्मान के ल‌िए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने प‌िछली सरकारों पर हमला बोला और कहा, जो खाम‌ियाजा हुआ है उसकी क्षत‌िपूर्त‌ि की जाएगी। उन्होंने कहा, यूपी में पर‌िवर्तन लाने क‌े ल‌िए जनादेश म‌िला है। मुख्यमंत्री ने कहा, जनकल्याण पत्र के सभी संकल्पों को पूरा क‌िया जाएगा। योगी ने कहा, आज की मुलाकात स‌िर्फ धन्यवाद देने के ल‌िए है। हम पर व‌िश्वास कीज‌िए और हमें काम करने दीज‌िए। प्रेस कांफ्रेंस के लिए तैयार मंच को भगवा लुक देकर तैयार किया गया था। इसके पहले लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में सीएम पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है।

लखनऊ: भाजपा के कट्टर हिन्दूवादी चेहरे और पांच बार के सांसद आदित्यनाथ योगी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। योगी सहित उत्तर प्रदेश में 47 सदस्यीय मंत्रिपरिषद ने शपथ ली जिसमें दो उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा दिनेश शर्मा भी हैं। क्रिकेटर से नेता बने मोहसिन रजा योगी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा है। उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव में एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया था। मुख्यमंत्री योगी सहित उप मुख्यमंत्री मौर्य और शर्मा तथा राज्य मंत्री रजा तीनों ही विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। योगी कैबिनेट में 22 कैबिनेट मंत्री हैं। नौ विधायकों को स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री बनाया गया है जबकि 13 राज्य मंत्री हैं। उत्तर प्रदेश में 15 साल का वनवास खत्म करते हुए भाजपा और सहयोगी दलों ने 403 में से 325 सीटों पर कब्जा कर विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 44 वषीर्य योगी भगवा पार्टी से चौथे मुख्यमंत्री होंगे। उनसे पहले कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश की कमान संभाल चुके हैं। राज्यपाल राम नाईक ने राजधानी के कांशीराम स्मति उपवन में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं मुरली मनोहर जोशी मौजूद थे।

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