दिनाजपुर: पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में तीन दिन पहले हिरासत से भागते समय पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने वाला विचाराधीन कैदी शनिवार तड़के मुठभेड़ में मारा गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि जिले में ग्वालपोखर के किचकतला में मुठभेड़ के दौरान विचाराधीन कैदी सज्जाक आलम मारा गया। पुलिस की यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार के इस बयान के बाद हुई है कि "अगर कोई पुलिस पर गोली चलाएगा तो हम चार गुना ताकत से जवाब देंगे।"
अवर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि ग्वालपोखर के किचकतला में विशिष्ट पुलिस दल के साथ मुठभेड़ में विचाराधीन कैदी सज्जाक आलम मारा गया। अधिकारी ने बताया, ‘‘किचकतला इलाके में उसके छिपे होने की सूचना मिलने पर हमने वहां छापा मारा। आरोपी ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसपर हमारी टीम ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें आलम घायल हो गया। उसे एक नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।’’
उन्होंने बताया कि उत्तर दिनाजपुर के रायगंज में बुधवार को आलम और एक अन्य विचाराधीन कैदी ने कथित रूप से दो पुलिसकर्मियों से उनके रिवॉल्वर छीन लिये थे तथा गोली चलाकर उन्हें घायल कर दिया था और फिर दोनों भाग गये थे।
अधिकारी के अनुसार यह घटना तब हुयी जब पुलिसकर्मी इन कैदियों को इस्लामपुर की एक अदालत से जेल की गाड़ी से एक केंद्रीय सुधार गृह ले जा रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘15 जनवरी की घटना का मुख्य आरोपी बांग्लादेश भागने की फिराक में था। हम उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो उसकी मदद कर रहे थे।’’ आलम 2019 में उत्तर दिनाजपुर जिले के करंदिघी में हुए एक हत्याकांड में भी मुख्य आरोपी था।
आपको बता दें,ममता बनर्जी के शासन में किसी अपराधी को एनकाउंटर कर मार गिराने का यह पहला मामला है. अपराधियों को एनकाउंटर करने को लेकर उत्तर प्रदेश पिछले कुछ सालों से ज्यादा चर्चे में रहा. मगर अब बाकी राज्यों में भी इस तरह के मामले सामने आने लगे हैं. पश्चिम बंगाल में यह इस तरह का पहला केस है। ममता बनर्जी पिछले 14 साल से बंगाल में शासन कर रही हैं।