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लखनऊ: रायबरेली से लखनऊ आ रही गैंगरेप पीड़िता पर ट्रेन में एसिड अटैक किया गया, जिसके बाद उसे लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार सुबह अस्पताल का दौरा किया और पीड़िता से मुलाकात की। सीएम आदित्यनाथ और कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी केजीएमयू के गांधी वार्ड पहुंचे। गैंगरेप पीड़िता का हाल पूछने के बाद सीएम ने एक लाख रुपये की आर्थिक मदद भी की। आदित्यनाथ ने पीड़िता का मुफ्त में इलाज कराने के साथ-साथ पूरे परिवार को सुरक्षा दिए जाने का आदेश दिया। सीएम तकरीबन दस मिनट तक गांधी वार्ड में रुके। गैंगरेप पीडि़ता पर हुए एसिड अटैक मामले में पुलिस जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एसएसपी लखनऊ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में दो आरोपियों को रायबरेली के ऊंचाहार से गिरफ्तार भी किया गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ पूरे एक्शन में हैं। वे आज लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में सुविधाओं का जायजा लेने पहुंचे थे। वहीं, इससे पहले वे गुरुवार को हजरतगंज थाने भी गए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 मार्च को गोरखपुर में योगिराज बाबा गंभीरनाथ की शताब्दी पुण्यतिथि समारोह में शामिल होने जाएंगे। यह समारोह गोरखनाथ मंदिर में सुबह 11 बजे होगा। मुख्यमंत्री लखनऊ से 25 मार्च की दोपहर में ही गोरखपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।

अयोध्याः अयोध्या के विवादित स्थल के मुद्दे को बातचीत के जरिये सुलझाने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को श्रीराम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि विवादित स्थल पर मंदिर के पक्ष में पुरातात्विक साक्ष्य मिलने के बाद सुलह-समझौते का अब कोई औचित्य नहीं है। बातचीत जैसे निर्थक आलाप से हिन्दुओं को भ्रमित ना किया जाए। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने आज कहा कि मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े संतों का प्रतिनिधिमंडल सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को लेकर जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलकर बातचीत करेगा। गौरतलब है कि न्यास के कुछ पदाधिकारी विवादित स्थल मामले में अदालत में पक्षकार हैं. यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि क्या विवादित स्थल को लेकर दोनों पक्षों के बीच समझौता, अयोध्या में एक और विभाजन को जन्म नहीं देगा? उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दो वर्ष बाद ही सरदार पटेल और अन्य नेताओं के कुशल प्रयास से गुजरात के सोमनाथ ज्योतिलिर्ंग पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया था। वहीं, अयोध्या मे श्रीराम जन्मभूमि का विवाद कोर्ट के चक्कर लगाता रहा. अगर उसी समय इसका समाधान कर दिया जाता तो शायद इतना खून-खराबा नहीं होता। आपको बता दें कि गत 21 मार्च को अयोध्या के विवादित स्थल के मामले को ‘संवेदनशील’ और ‘भावनात्मक मामला’ बताते हुये कहा था कि इसका हल तलाश करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को नये सिरे से प्रयास करने चाहिये।

लखनऊ: चौक के 112 साल पुराने टुंडे के बीफ कबाब का सफर खत्म हो गया है। टुंडे के बीफ कबाब का जायका अब उसके चाहने वाले नहीं ले पाएंगे। बड़े का गोश्त बंद होने के बाद चौक व अमीनाबाद स्थित टुंडे कबाबी ने बीफ कबाब को बंद करके मटन और चिकन के कबाब बेचना शुरू कर दिए हैं। इसका असर भी पहले दिन ही नजर आ गया। रोज की तुलना में कबाब खाने वालों में भी कमी आ गई है। पुराने लखनऊ में चौक की तहसीन की मस्जिद के नीचे टुंडे कबाबी की दुकान 1905 से चल रही है। फिल्म स्टार सलमान खान हो या फिर ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार जब भी वह लखनऊ आए उन्होंने इस पुरानी दुकान के कबाबों का जायका जरूर लिया है। योगी सरकार बनने के बाद बड़े का गोश्त मिलना बंद हो गया है। इसका सीधा असर टुंडे के कबाब, मुबीन, रहीम के यहां पर मिलने वाली बड़े की नहारी पर पड़ा। अब यहां पर मटन की नहारी और कबाब बेची जा रही हैं। करीब 25 सालों से टुंडे के कबाब खा रहे जाफर बताते हैं कि लखनऊ में टुंडे से बेहतर बीफ के कबाब कोई नहीं बनाता है। टुंडे के कबाब ऐसे ही जायकेदार नहीं होते हैं, उनमें 160 मसालों से तैयार किया जाता है। टुंडे कबाबों के साथ पुराने लखनऊ के नहारी और कुलचे भी पूरे देश में मशहूर है। रहीम और मुबीन जैसे मशहूर होटलों पर बड़े के गोश्त और पाये की नहारी खाने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के सीएम आदित्यनाथ और उनके मंत्री एक्शन में हैं। मुख्यमंत्री की गद्दी संभालते ही प्रदेश में कई प्रमुख आदेश हो चुके हैं। इसमें अवैध बूचड़खाने को बंद करने, सचिवालय व सरकारी इमारतों में पान-मसाले और प्लास्टिक पर बैन जैसे आदेश शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, योगी सरकार के बनने के बाद प्रदेश के विभिन्न शहरों में अभी तक 100 से अधिक पुलिसकर्मी सस्पेंड किए जा चुके हैं। सस्पेंड किए गए ज्यादातर पुलिसकर्मी गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा और लखनऊ के हैं। पुलिस अधिकारियों ने सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों को दागी बताया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के जन संपर्क अधिकारी राहुल श्रीवास्तव ने कहा, 'प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद अभी तक सौ से अधिक पुलिसकर्मी सस्पेंड किए जा चुके हैं। दागी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का फैसला डीजीपी जावीद अहमद के आदेश के बाद लिया गया है। गौरतलब है कि गुरुवार सुबह तकरीबन 11:25 पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली पहुंचे थे। यहां उन्होंने पीड़ितों की मूलभूत समस्याओं के साथ पुलिस विभाग में व्यवस्थाओं में कमियों की जानकारी ली। उन्होंने मुकदमों को लिखे जाने और उनके निस्तारण में कितना समय लगता है, इस बाबत वहां काम करने वाले मुंशियों और सिपाहियों से पूछा। योगी ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस विभाग को इस प्रकार का माहौल तैयार करना चाहिए कि पुलिस दफ्तरों में लोग भय रहित होकर अपनी बात कह सकें

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