ताज़ा खबरें
संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी, लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
प्रधानमंत्री मोदी ने अडानी के लिए 'सीमा सुरक्षा नियमों' को बदला: खड़गे
महाराष्ट्र में 192 संदिग्ध मरीज़ों की पहचान, अबतक आठ मरीज़ों की मौत
चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत ने इंग्लैंड पर दर्ज की दूसरी सबसे बड़ी जीत
एमपी: विधायक ने आईएएस अधिकारी पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप
मिल्कीपुर में हुई वोटों की डकैती, सरकारी है चुना गया विधायक: अवधेश

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले खाली कराने में लगे राज्य सम्पत्ति विभाग को अब दो पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला खाली कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सम्पत्ति अधिकारी को पत्र लिखकर चार-विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपना सरकारी बंगला खाली करने के लिए दो साल का समय मांगा है। तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख ने अपने 13-ए माल एवेन्यू को श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल घोषित करते हुए बंगले की बाउन्ड्री पर बड़ा सा बोर्ड लगा दिया है।

जेड प्लस सुरक्षा का हवाला दे अखिलेश ने मांगा समय

अखिलेश की ओर से राज्य संपत्ति विभाग को लिखे पत्र में कहा गया है कि लखनऊ में अखिलेश के पास कोई निजी आवास नहीं है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। वे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उनके यहां पार्टी जनों समेत तमाम मिलने वाले आते हैं। ऐसे में उन्हें कोई रहने का ऐसा सुरक्षित स्थान चाहिए जहां उनकी सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था हो सके। पूर्व मुख्यमंत्री के निजी सचिव की ओर से लिखे गए इस पत्र को राज्य सम्पत्ति अधिकारी के निजी स्टाफ ने रिसीव भी कर लिया।

इलाहाबाद: 2019 में संगम नगरी इलाहाबाद में लगने वाले कुंभ मेले के शाही स्‍नान की तारीखों का एलान शनिवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के मुताबिक इलाहाबाद में लगने वाले कुंभ मेले में पहला शाही स्‍नान 15 जनवरी, 2019 को मकर संक्रांति के मौके पर होगा। वहीं दूसरा शाही स्‍नान 4 फरवरी, 2019 को मौनी अमावस्‍या के मौके पर होगा। इसके बाद तीसरा और आखिरी शाही स्‍नान 10 फरवरी, 2019 को वसंत पंचमी के दिन किया जाएगा। शनिवार को इलाहाबाद पहुंचे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शहर में कुंभ मेले को लेकर चल रही तैयारियों का जायजा भी लिया।

बता दें कि 18 मई को इलाहाबाद में शुक्रवार (18 मई) को आयोजित हुई अखाड़ों की बैठक में कुंभ में शाही स्‍नान के बहिष्‍कार का फैसला वापस ले लिया गया था। संगम नगरी इलाहाबाद में 2019 में होने जा रहे कुंभ को लेकर शुक्रवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अहम बैठक का आयोजन किया था। 13 अखाड़े अपनी मांगों के पूरा न होने के कारण प्रशासन और सरकार से नाराज चल रहे थे। इसके चलते उन्‍होंने कुंभ 2019 में शाही स्‍नान के बहिष्‍कार की घोषणा की थी।

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार मदरसों के पठन-पाठन में गुणात्मक सुधार के अब वहां एनसीईआरटी का किताब अनिवार्य करने जा रही है। सत्र 2018-19 में बच्चों के हाथ में एनसीईआरटी की किताबें होंगी। ये किताबें हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी माध्यम में होंगी। सरकार के आदेश में बताया गया है कि इसका फायदा केवल मान्यता प्राप्त मदरसों को ही मिलेगा। यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि सिलेबस की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया। अब मान्यता प्राप्त मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों से शिक्षा दिलाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि मौजूदा पाठ्यक्रम के दो भाग होते हैं जिसमें एक दीनी पाठ्यक्रम पहले की ही तरह रहेगा. गोरखपुर जनपद में 288 मदरसे मान्यता प्राप्त है जिनमें 10 अनुदानित हैं। रजिस्ट्रार ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मदरसों में पढ़ रहे बच्चों का कक्षावार ब्योरा निधाज़्रित प्रारूप पर मांगा है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को विवरण उपलब्ध कराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे टैक्स चोरी रोककर लक्ष्य के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा राजस्व की वसूली बढ़ाएं। मुख्यमंत्री शुक्रवार की देर शाम यहां एनेक्सी सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में कर एवं करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जीएसटी एवं वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं निबन्धन, परिवहन, भू-राजस्व, ऊर्जा आदि विभागों के कर राजस्व की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को कर राजस्व बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए।

उन्होंने भूतत्व एवं खनिकर्म, सिंचाई, वानिकी तथा वन्यप्राणी, लोक निर्माण (सड़क और सेतु), लोक निर्माण (आवास), लोक निर्माण कार्य आदि विभागों के करेत्तर राजस्व की भी गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश के कर राजस्व को सर्वाधिक अंश जीएसटी एवं वैट के माध्यम से प्राप्त होता है। वर्ष 2017-18 में इसके तहत 58 हजार 726 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी। वर्ष 2018-19 में इसके तहत 04 हजार 530 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख