इलाहाबाद: कुंभ के अब तक के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब किसी मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कुंभ में होने वाले शाही स्नान की तारीखों का एलान होगा। इलाहाबाद में शुक्रवार को आयोजित अखाड़ों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। संगम नगरी इलाहाबाद में 2019 में होने जा रहे कुंभ को लेकर शुक्रवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अहम बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में अखाड़ों ने कुंभ में शाही स्नान के बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया है।
मठ बाघंबरी गद्दी में आयोजित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में सर्व सम्मति से सात प्रस्तावों पर सहमती बनी है। बैठक में आर्मी के किले में कैद अक्षय वट को भी कुंभ के दौरान आम जनता के लिए खोलने की अपील की गई है। 19 मई यानी शनिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इलाहाबाद कुंभ की व्यवस्थाओं की समीक्षा करने आ रहे हैं, जिसमें इन प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है। अगले साल इलाहाबाद में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार अलग होगा।
कुंभ के अब तक के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब किसी मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कुंभ में होने वाले शाही स्नान की तारीखों का एलान होगा। इस बात का एलान शुक्रवार को अखाड़ा परिषद की बैठक में किया गया है। जिसमें देश के सभी 13 अखाडों ने हिस्सा लिया।
बैठक में सभी 13 अखाड़ों को कहा गया है कि वेे कुंभ के पहले अपने महा मंडलेश्वर की सूची अखाड़ा परिषद को सौंपें। इलाहाबाद की मठ बाघम्बरी गद्दी में आयोजित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से सात प्रस्तावों पर सहमती बनी है। इसमें अखाड़ों द्वारा शाही स्नान के बहिष्कार के एलान को वापस लेना शामिल है।
अखाड़ों ने इलाहबाद में संगम किनारे किले में कैद अक्षय वट को भी कुंभ में आम जनता के लिए खोलने की अपील की है। इन प्रस्तावों में हरिद्वार में स्थापित भूमा नंद निकेतन पीठ के प्रमुख स्वामी अच्युतानंद के संतों का बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया गया है।